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अंतरराष्ट्रीय संबंधों (International Relations) का नारीवादी सिद्धांत (Feminist Theory): एक अवलोकन

अंतरराष्ट्रीय संबंधों (IR) में नारीवादी सिद्धांत (Feminist Theory) पारंपरिक दृष्टिकोणों की आलोचना करता है, जो शक्ति (Power), युद्ध (War), और राज्य (State) पर केंद्रित हैं, और इनमें लिंग (Gender) के प्रभाव को नजरअंदाज करते हैं। यह सिद्धांत लिंग (Gender) को एक महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक श्रेणी (Analytical Category) मानता है, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति (International Politics) के ढांचे को समझने और बदलने में मदद करता है। आइए इसे किताबों और उद्धरणों के साथ समझें।

मुख्य विचार

नारीवादी सिद्धांत यह तर्क देता है कि अंतरराष्ट्रीय संबंध (IR) पुरुष-प्रधान (Patriarchal) संरचनाओं और मूल्यों (Values) पर आधारित हैं, जो महिलाओं और अन्य हाशिए पर पड़े समूहों (Marginalized Groups) के अनुभवों को अदृश्य (Invisible) बनाते हैं। यह शक्ति (Power) को केवल सैन्य (Military) या आर्थिक (Economic) रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक और लैंगिक संबंधों (Gendered Relations) के संदर्भ (Context) में देखता है।

विशेषताएँ (Features):

• लिंग (Gender) को अंतरराष्ट्रीय नीतियों (International Policies), युद्ध (War), और शांति (Peace) के विश्लेषण में शामिल करना।

• पारंपरिक अवधारणाओं जैसे संप्रभुता (Sovereignty) और सुरक्षा (Security) पर ससवाल उठाना।

• उदाहरण: युद्ध में महिलाओं की भूमिका (Role) को सिर्फ पीड़ित (Victim) के रूप में नहीं, बल्कि सक्रिय एजेंट (Agent) के रूप में देखना।

प्रमुख पहलू (Key Aspects)

1. लिंग और सुरक्षा (Gender and Security)

• पारंपरिक IR में सुरक्षा (Security) को सैन्य खतरे (Military Threat) के रूप में देखा जाता है।

• नारीवादी सिद्धांत (Feminist Theory) इसे मानव सुरक्षा (Human Security) के संदर्भ में परिभाषित करता है, जैसे भोजन, स्वास्थ्य, और हिंसा से मुक्ति (Freedom from Violence)।

• उदाहरण: युद्धग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा (Domestic Violence) को सुरक्षा (Security) का मुद्दा मानना।

2. शक्ति का पुनर्विचार (Rethinking Power)

• नारीवादी विद्वान (Feminist Scholars) शक्ति (Power) को पुरुष-प्रधान संरचनाओं (Patriarchal Structures) से जोड़ते हैं, जैसे सैन्यवाद (Militarism) और पूंजीवाद (Capitalism)।

• यह पूछते हैं कि ये संरचनाएँ लिंग (Gender) के आधार पर असमानताएँ (Inequalities) कैसे पैदा करती हैं।

3. हाशिए की आवाजें (Marginalized Voices)

• महिलाओं, अल्पसंख्यकों (Minorities), और गैर-पश्चिमी समाजों (Non-Western Societies) के दृष्टिकोण को शामिल करना।

• उदाहरण: वैश्विक दक्षिण (Global South) की महिलाओं की आर्थिक शोषण (Economic Exploitation) की कहानियाँ।

प्रमुख किताबें और उद्धरण (Key Books and Quotes)

1. किताब: जेंडर इन इंटरनेशनल रिलेशंस (Gender in International Relations) – जे. एन टिकनर (J. Ann Tickner) (1992)
टिकनर पारंपरिक IR सिद्धांतों (Theories) की लैंगिक偏见 (Gender Bias) की आलोचना करती हैं और नारीवादी दृष्टिकोण (Feminist Perspective) को शामिल करने की वकालत करती हैं।
उद्धरण: “अंतरराष्ट्रीय संबंध (IR) को समझने के लिए हमें यह पूछना चाहिए कि महिलाएँ कहाँ हैं और उनकी अनुपस्थिति (Absence) का क्या अर्थ है।”
स्थान: इस उद्धरण को किताब के साथ जोड़ें ताकि लिंग (Gender) की अनदेखी पर ध्यान केंद्रित हो।

2. किताब: फेमिनिज्म एंड इंटरनेशनल रिलेशंस (Feminism and International Relations) – सिंथिया एनलो (Cynthia Enloe) (1990)
एनलो यह दिखाती हैं कि दैनिक जीवन (Everyday Life) और व्यक्तिगत अनुभव (Personal Experiences) अंतरराष्ट्रीय राजनीति (International Politics) को कैसे प्रभावित करते हैं।
उद्धरण: “अंतरराष्ट्रीय शक्ति (International Power) सिर्फ राज्यों (States) और सेनाओं (Armies) में नहीं, बल्कि घरों, कारखानों और रिश्तों में भी निहित है।”
स्थान: इसे किताब के साथ रखें ताकि शक्ति (Power) की व्यापक परिभाषा (Definition) उजागर हो।

आलोचना और योगदान (Criticism and Contribution)

आलोचना (Criticism): कुछ का कहना है कि नारीवादी सिद्धांत (Feminist Theory) बहुत व्यक्तिपरक (Subjective) है और ठोस नीतियों (Concrete Policies) पर कम ध्यान देता है।

योगदान (Contribution): यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों (IR) को समावेशी (Inclusive) बनाता है और सुरक्षा (Security) व शांति (Peace) की नई परिभाषाएँ (Definitions) प्रस्तुत करता है।

किताब: जेंडरिंग वर्ल्ड पॉलिटिक्स (Gendering World Politics) – जे. एन टिकनर (2001)
उद्धरण: “लिंग (Gender) को समझे बिना हम वैश्विक राजनीति (Global Politics) के पूरे चित्र को नहीं देख सकते।”
स्थान: इसे योगदान के तहत जोड़ें ताकि व्यापक दृष्टिकोण (Perspective) पर बल पड़े।

वास्तविक उदाहरण (Real-World Example)

युद्ध (War) के दौरान शरणार्थी शिविरों (Refugee Camps) में महिलाओं की स्थिति:

पारंपरिक दृष्टिकोण (Traditional View): इसे राज्य सुरक्षा (State Security) का मामला मानता है।

नारीवादी दृष्टिकोण (Feminist View): लैंगिक हिंसा (Gender-Based Violence) और संसाधनों तक पहुँच (Access to Resources) को केंद्र में रखता है।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों (IR) का नारीवादी सिद्धांत (Feminist Theory) लिंग (Gender) को विश्लेषण (Analysis) का आधार बनाकर शक्ति (Power), सुरक्षा (Security), और असमानता (Inequality) की पुनर्व्याख्या करता है। यह पारंपरिक ढांचे (Frameworks) को चुनौती देता है और समावेशी दृष्टिकोण (Inclusive Perspective) प्रस्तुत करता है।

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