भारत इस समय खुद को अस्थिरता के एक ऐसे घेरे में घिरा हुआ पा रहा है, जिसका वर्णन करना मुश्किल है। अफ़गानिस्तान के रेगिस्तान से More
भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल की विधेयकों पर स्वीकृति संबंधी भूमिका का प्रश्न केवल कानूनी जटिलता नहीं, बल्कि संघीय शासन और लोकतांत्रिक मूल्य की बुनियाद More
NPA का उद्भव 1960 के दशक के अंत तक अमेरिकी समाज अनेक समस्याओं से ग्रस्त था। इन समस्याओं में वियतनाम युद्ध से निराशा, जनसंख्या वृद्धि, More
केवल GDP के आंकड़े या आधारभूत संरचना की उपलब्धियों से प्रगति को नहीं मापा जा सकता, बल्कि यह इस पर निर्भर करता है कि कोई More
• स्किनर 20वीं सदी के एक बड़े इतिहासकार और विचारक थे। वे Cambridge School से जुड़े थे, जो इतिहास और राजनीति के अध्ययन में “संदर्भ” More
➢ “कानून का शासन” (Rule of Law) लोकतंत्र और मानवाधिकारों की सबसे मूलभूत अवधारणा है। इसका अर्थ यह है कि देश में शासन कानून के More
भारत का इतिहास व्हिसलब्लोअर्स (Whistleblowers) के उदाहरणों से भरा हुआ है। समय-समय पर अनेक लोगों ने शासन-प्रणाली की खामियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने का More
भारतीय लोकतंत्र में ‘व्हिप’ प्रणाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण, लेकिन उतनी ही विवादास्पद व्यवस्था बन गई है, जिसका प्रभाव संसद और राज्य विधानसभाओं की कार्यशैली और More
1990 के दशक में लोक प्रशासन के विकास का एक नया प्रतिमान (Paradigm) उभरा, जिसे नया लोक प्रबंधन (NPM) कहा गया। डेविड ओसबोर्न और टेड More
चर्चा में क्यों? हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने ट्रांसजेंडर अधिकारों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इसका उद्देश्य था; प्रणालीगत भेदभाव को More
एर्नेस्ट गेलनर (1925–1995) ने राष्ट्र और राष्ट्रवाद का एक प्रभावशाली सिद्धांत प्रस्तुत किया। प्रमुख विचार- ‘राष्ट्र, राष्ट्रवाद का परिणाम हैं– राष्ट्रवाद राष्ट्रों का परिणाम नहीं।’ More
राजनीति का इतिहास अनेक दृष्टियों से विचित्र रह चुका है, लेकिन शायद ही कोई विचारक ऐसा हो जिसने व्यवहारवाद की राजनीति पर उतना गहरा प्रभाव More
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित चेनाब रेलवे ब्रिज भारत के नए बुनियादी ढांचे की राजनीति का प्रतीक है। यह दुनिया का सबसे ऊँचा More
भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल की विधेयकों पर स्वीकृति संबंधी भूमिका का प्रश्न केवल कानूनी जटिलता नहीं, बल्कि संघीय शासन और लोकतांत्रिक मूल्य की बुनियाद More
भारत का इतिहास व्हिसलब्लोअर्स (Whistleblowers) के उदाहरणों से भरा हुआ है। समय-समय पर अनेक लोगों ने शासन-प्रणाली की खामियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने का More
भारतीय लोकतंत्र में ‘व्हिप’ प्रणाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण, लेकिन उतनी ही विवादास्पद व्यवस्था बन गई है, जिसका प्रभाव संसद और राज्य विधानसभाओं की कार्यशैली और More
1990 के दशक में लोक प्रशासन के विकास का एक नया प्रतिमान (Paradigm) उभरा, जिसे नया लोक प्रबंधन (NPM) कहा गया। डेविड ओसबोर्न और टेड More
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