अमेरिका द्वारा नए टैरिफ (New Tariffs by the USA)
अमेरिका ने 2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में कई नए टैरिफ लागू किए हैं। ये टैरिफ व्यापार नीतियों को मजबूत करने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हैं। नीचे मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
- फरवरी 2025 के टैरिफ:
- कनाडा और मैक्सिको: 1 फरवरी, 2025 को, ट्रम्प ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का आदेश दिया। यह अवैध प्रवास और नशीली दवाओं (विशेष रूप से फेंटेनाइल) की तस्करी के जवाब में था। ये टैरिफ 4 मार्च, 2025 से लागू हुए। कनाडाई ऊर्जा संसाधनों और पोटाश पर 10% टैरिफ भी लगाया गया।
- चीन: 4 फरवरी, 2025 को चीन के सभी आयात पर 10% टैरिफ लगाया गया, जो फेंटेनाइल रसायनों के निर्यात को रोकने के लिए था। 4 मार्च, 2025 को इसे 10% और बढ़ाकर 20% कर दिया गया।
- स्टील और एल्यूमिनियम टैरिफ:
- 10 फरवरी, 2025 को सभी आयातित स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ लगाया गया। यह घरेलू विनिर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए था।
- ऑटोमोबाइल टैरिफ:
- 26 मार्च, 2025 को अमेरिका के बाहर निर्मित सभी ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ लगाया गया, जो 3 अप्रैल, 2025 से लागू हुआ। ऑटो पार्ट्स पर भी मई 2025 से टैरिफ की योजना है।
- “पारस्परिक” टैरिफ (2 अप्रैल, 2025 – “मुक्ति दिवस”):
- 2 अप्रैल, 2025 को ट्रम्प ने “मुक्ति दिवस” की घोषणा की और बड़े टैरिफ लागू किए:
- सभी आयात पर 10% टैरिफ: 5 अप्रैल, 2025 से लागू, 180 से अधिक देशों पर।
- विशिष्ट देशों पर उच्च टैरिफ: 9 अप्रैल, 2025 से लागू। उदाहरण:
- चीन: 34% (पहले के 20% के साथ कुल 54%)।
- यूरोपीय संघ: 20%।
- वियतनाम: 46%।
- भारत: 26%।
- जापान: 24%।
- लेसotho: 50%।
- ये टैरिफ 2024 के व्यापार घाटे के आधार पर तय किए गए।
- 2 अप्रैल, 2025 को ट्रम्प ने “मुक्ति दिवस” की घोषणा की और बड़े टैरिफ लागू किए:
- उद्देश्य:
- ये टैरिफ अन्य देशों के उच्च टैरिफ, मुद्रा हेरफेर और व्यापार बाधाओं के जवाब में हैं। ट्रम्प ने इसे व्यापार घाटे के कारण “राष्ट्रीय आपातकाल” बताया।
- आर्थिक प्रभाव:
- आय: 2026-2035 में $1.4 ट्रिलियन की आय की उम्मीद, कुल मिलाकर $2.9 ट्रिलियन।
- मूल्य वृद्धि: हर 10% टैरिफ से 2.5% मूल्य वृद्धि। चीन के सामानों पर 13.5% तक वृद्धि संभव।
- जीडीपी: 2025 में 0.9% की कमी संभावित।
- वैश्विक प्रतिक्रिया:
- कनाडा: 13 मार्च, 2025 से $29.8 बिलियन के अमेरिकी सामानों पर 25% टैरिफ।
- चीन: कोयले, एलएनजी और तेल पर टैरिफ।
- यूरोपीय संघ: जवाबी कार्रवाई की तैयारी।
ये टैरिफ बाजार में अस्थिरता लाए हैं और मंदी की आशंका बढ़ा रहे हैं।
भारत ने अमेरिका के नए टैरिफ के जवाब में कई कदम उठाए हैं। नीचे भारत द्वारा उठाए गए कदमों को हिंदी में संक्षेप में बताया गया है, जो 8 अप्रैल, 2025 तक की जानकारी पर आधारित है:
- टैरिफ के प्रभाव का अध्ययन:
- भारत सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए 26% टैरिफ के प्रभाव को ध्यान से अध्ययन कर रही है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वे भारतीय उद्योगों और निर्यातकों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि इसका असर समझा जा सके।
- बातचीत पर जोर:
- भारत ने तुरंत जवाबी टैरिफ लगाने के बजाय अमेरिका के साथ बातचीत को प्राथमिकता दी है। सरकार एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर काम कर रही है, जिसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाना और टैरिफ को कम करना है।
- अमेरिकी सामानों पर टैरिफ में कटौती:
- भारत ने अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है। इसमें $23 बिलियन मूल्य के सामानों, जैसे रत्न, आभूषण, दवाइयाँ, और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं। पहले से ही हार्ले-डेविडसन बाइक पर टैरिफ 50% से 40% और बोरबॉन व्हिस्की पर टैरिफ कम किया गया है।
- प्रतिशोध से बचना:
- भारत ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ तुरंत प्रतिशोधात्मक कदम नहीं उठाने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि बातचीत और रणनीतिक व्यापार समायोजन बेहतर रास्ता है।
- निर्यात क्षेत्रों को सहायता:
- टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, को सहायता देने की योजना है। सरकार निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत समर्थन बढ़ा सकती है।
- फार्मा उद्योग को राहत:
- अमेरिका ने भारत के फार्मास्युटिकल निर्यात पर टैरिफ से छूट दी है, जो भारत के लिए सकारात्मक है। यह भारत के लगभग $9 बिलियन के दवा निर्यात को सुरक्षित रखता है।
- रणनीतिक लाभ की तलाश:
- भारत अन्य देशों (जैसे चीन, वियतनाम) पर उच्च टैरिफ का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। टेक्सटाइल, परिधान, और जूते जैसे क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की संभावना देखी जा रही है।
इन कदमों से भारत का लक्ष्य अमेरिकी टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को कम करना और दीर्घकालिक व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।