• कनाडा दुनिया के उन देशों में शामिल है जो बहुसंस्कृतिवाद (Multiculturalism) को कानूनी और सामाजिक रूप से स्वीकार करते हैं। इसका मतलब है कि कनाडा में अलग-अलग जातियों, धर्मों, भाषाओं और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों वाले लोग स्वतंत्र रूप से अपने सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को बनाए रख सकते हैं।
• कनाडा का बहुसंस्कृतिवाद केवल सहनशीलता और विविधता का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसे राष्ट्रीय नीति और कानून के रूप में अपनाया गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1. प्रारंभिक बहुसंस्कृतिवाद
• 19वीं और 20वीं सदी में कनाडा में यूरोपीय प्रवासियों (Immigrants) का आगमन हुआ।
• अलग-अलग भाषाओं और धर्मों वाले लोग कनाडा में बसे, जिससे सांस्कृतिक विविधता बढ़ी।
2. 1971 की बहुसंस्कृतिवाद नीति
• कनाडा दुनिया का पहला देश बना जिसने सरकारी स्तर पर बहुसंस्कृतिवाद (Official Multiculturalism Policy) को अपनाया।
• इस नीति का उद्देश्य था सभी नागरिकों को समान अधिकार देना और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षण देना।
3. 1988 का बहुसंस्कृतिवाद अधिनियम (Multiculturalism Act)
• यह कानून कनाडा में बहुसंस्कृतिवाद को कानूनी मान्यता देता है।
1. 1988 का कनाडा बहुसंस्कृतिवाद अधिनियम (1988 Canadian Multiculturalism Act)
• 1988 में, कनाडा ने एक कानून बनाया जिसका नाम था ‘कनाडा बहुसंस्कृतिवाद अधिनियम’।
• इस कानून का मुख्य उद्देश्य कनाडा की सरकार को बहुसांस्कृतिक नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए अधिकार और जिम्मेदारी देना था। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार बहुसंस्कृतिवाद को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम करे।
2. अधिनियम का लक्ष्य:
• इस अधिनियम का लक्ष्य यह है कि कनाडा में रहने वाले सभी लोग, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि से हों, एक दूसरे के साथ मिलकर विकास करें और सम्मान से रहें।
• यह कानून कनाडा के समाज के सभी पहलुओं में अलग-अलग मूल के व्यक्तियों और समुदायों की पूरी और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देता है। इसका मतलब है कि हर कोई, चाहे वह नया आप्रवासी हो या पुरानी पीढ़ी का, समाज में समान रूप से योगदान दे सके।
3. ऐतिहासिक संदर्भ (Historical Context):
• कनाडा में बहुसंस्कृतिवाद की नीति 1970 और 1980 के दशक में, प्रधान मंत्री पियरे ट्रूडो के समय में बहुत लोकप्रिय हुई।
• इस दौरान, बहुसंस्कृतिवाद को आधिकारिक तौर पर कनाडा की एक नीति के रूप में अपनाया गया। इसका मतलब था कि कनाडा ने यह मान लिया था कि उसके समाज में कई संस्कृतियाँ हैं, और उन सभी का सम्मान करना और उन्हें बढ़ावा देना जरूरी है।
4. इस नीति का महत्व:
• बहुसंस्कृतिवाद की नीति इस बात को दर्शाती है कि कनाडा का समाज एक ऐसा समाज है जो कई छोटी-छोटी विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से मिलकर बना है।
• यह नीति इस बात का प्रमाण है कि कनाडा सरकार इन सभी संस्कृतियों को पहचानने, उनका सम्मान करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
• इसी नीति के कारण, कनाडा को एक विविध और बहुसांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में जाना जाता है।
निष्कर्ष:
संक्षेप में, कनाडा बहुसंस्कृतिवाद को सिर्फ एक विचार के रूप में नहीं, बल्कि एक कानूनी और सरकारी नीति के रूप में देखता है। इस नीति का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ फलने-फूलने का मौका देना है, जिससे कनाडा का समाज और भी मजबूत और समृद्ध बन सके।