जॉन रॉल्स (John Rawls) आधुनिक राजनीतिक दर्शन के एक महान दार्शनिक हैं, जिनकी रचनाएँ न्याय, नैतिकता और सामाजिक अनुबंध को लेकर अत्यंत प्रभावशाली रही हैं। उन्होंने 20वीं शताब्दी में न्याय और लोकतंत्र के विचार को एक नई दिशा दी।
“न्याय का विचार व्यक्ति से प्रवाहित होता है।“
अर्थ: न्याय का बोध व्यक्ति की चेतना और नैतिक समझ से उत्पन्न होता है, न कि केवल किसी कानून या प्रणाली से।
यह विचार जॉन रॉल्स के सिद्धांत से जुड़ा है, जो कहते हैं कि न्याय को व्यक्ति तब समझता है जब वह स्वयं को एक निष्पक्ष और तटस्थ स्थिति में रखकर सोचता है।
अज्ञानता का पर्दा/घूंघट (Veil of Ignorance)
यह जॉन रॉल्स की A Theory of Justice नामक पुस्तक में प्रस्तुत एक कल्पनात्मक विचार है, जिसके अनुसार, अगर व्यक्ति यह नहीं जानता कि समाज में उसका स्थान क्या होगा; जाति, वर्ग, लिंग, धर्म, आदि क्या होंगे। तो वह न्याय के सिद्धांतों का अधिक निष्पक्ष रूप से चयन करेगा। इसे Veil of Ignorance कहा जाता है। यानी जब व्यक्ति अपने निजी हितों से ‘अज्ञात’ हो, तब वह न्याय के लिए सर्वश्रेष्ठ नियम तय कर सकता है। यह विचार नैतिकता में निष्पक्षता (Fairness) की अवधारणा को मज़बूत करता है।
A Theory of Justice
इसमें उन्होंने दो न्याय के सिद्धांत दिए:
- सभी के लिए समान स्वतंत्रता का अधिकार
- सामाजिक और आर्थिक असमानता तभी स्वीकार्य है जब वह सबसे वंचितों के हित में हो।
निष्पक्षता के रूप में न्याय (Justice as Fairness)
यह जॉन रॉल्स की न्याय-सम्बंधी सोच का मूल सिद्धांत है।
- न्याय का अर्थ सिर्फ बराबरी नहीं है, बल्कि ऐसा सामाजिक ढांचा है जिसमें सभी को समान अवसर मिलें।
- समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए यदि कोई असमानता हो तो वह तभी स्वीकार्य होगी जब वह उन्हीं के हित में हो।
अज्ञानता का पर्दा क्या छुपाता है?
अज्ञानता का पर्दा प्रभावी रूप से व्यक्तियों से वह ज्ञान छीन लेता है जो उन्हें अनुचित लाभ पहुँचा सकता है या उन्हें ऐसे सिद्धांतों को चुनने के लिए प्रेरित कर सकता है जो उनकी विशिष्ट परिस्थितियों के लिए लाभदायक हों।
पर्दे के पीछे, पक्षों को यह नहीं पता होता:
- उनकी सामाजिक स्थिति या वर्ग स्थिति।
- उनकी जाति या जातीय समूह.
- उनका लिंग.
- प्राकृतिक संपत्ति और क्षमताओं, जैसे बुद्धि, शक्ति या प्रतिभा के वितरण में उनका भाग्य।
- अच्छे जीवन की उनकी अवधारणा (उनके व्यक्तिगत मूल्य, लक्ष्य और विश्वास)।
- उनकी मनोवैज्ञानिक प्रवृत्तियाँ.
- उनके समाज की आर्थिक या राजनीतिक स्थिति।
- सभ्यता और संस्कृति का वह स्तर जो इसने प्राप्त किया है।
हालाँकि, यह माना जाता है कि वे मानव समाज, मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र के बारे में सामान्य तथ्य जानते हैं। यह सामान्य ज्ञान उन्हें सिद्धांतों के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करता है, भले ही उनके पास विशिष्ट व्यक्तिगत विवरण न हों।
प्रमुख पुस्तकें
पुस्तक का नाम | प्रकाशन वर्ष | संक्षिप्त विवरण |
A Theory of Justice | 1971 | यह उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक है जिसमें न्याय को निष्पक्षता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें उन्होंने “Veil of Ignorance” और “Original Position” जैसे विचारों का प्रतिपादन किया। |
Political Liberalism | 1993 | यह पुस्तक एक बहुलवादी लोकतांत्रिक समाज में न्याय और सहमति की भूमिका पर केंद्रित है। |
The Law of Peoples | 1999 | इसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्याय, मानवाधिकारों और वैश्विक समाज के सिद्धांतों को पेश किया। |
Justice as Fairness: A Restatement | 2001 (posthumous) | यह पुस्तक A Theory of Justice का सरलीकृत और सुव्यवस्थित संस्करण है, जिसे उनके छात्र Erin Kelly ने संपादित किया था। |
Collected Papers | 1999 | यह उनके लेखों, व्याख्यानों और लेखन संग्रह का संकलन है, जिसमें विभिन्न विषयों पर उनके विचारों को समझा जा सकता है। |