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बिहार चुनाव और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन

बिहार चुनाव और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)

बिहार जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से सक्रिय राज्य में चुनाव एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें समयबद्धता, पारदर्शिता और निष्पक्षता अत्यंत आवश्यक है। इस संदर्भ में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की प्रासंगिकता अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाती है ऐसे में EVM मशीन क्या है और इसके साथ यह लोकतान्त्रिक देश में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है इन सभी बिन्दुओ को समझने का प्रयास किया जायेगा ।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) क्या है?

एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो भारत में मतदान प्रक्रिया को डिजिटल रूप से संचालित करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसकी शुरुआत 1982 में केरल के परवूर विधानसभा क्षेत्र में हुई थी 2004 से ही लोकसभा चुनावों में व्यापक रूप से EVM का प्रयोग किया जा रहा है। EVM का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को तेज़, सटीक, लागत-कुशल और पारदर्शीबनाना है।

विशेषताएँ

यह मशीन 2000 वोटो को रिकॉर्ड कर सकती है।
EVM एक स्टैंडअलोन प्रणाली है अर्थात यह किसी भी प्रकार से इंटरनेट या बाहरी नेटवर्क से जुड़ी नहीं होती।
इसमें उपयोग की गयी माइक्रोचिप का प्रोग्राम इस प्रकार किया जाता है जिससे उसे एक बार से ज्यादा ना तो पढ़ा जा सकता है, ना बदला जा सकता है।
इस मशीन की बिजली पर निर्भरता शून्य है क्योकि यह बैटरी चालित होती है ।

महत्वपूर्ण तथ्य

1977 में चुनाव आयोग ने EVM की कल्पना की और इसे विकसित करने के लिए ईसीआईएल (ECIL), हैदराबाद को ज़िम्मेदारी दी।
1998 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के 25 विधानसभा क्षेत्रों में प्रयोगात्मक रूप से EVM का प्रयोग किया गया।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में 45 विधानसभा क्षेत्रों में EVM का प्रयोग 2000 में किया ।
गया वही तमिलनाडु, केरल, पांडिचेरी और पश्चिम बंगाल के सभी विधानसभा क्षेत्रों में EVM का पूर्ण प्रयोग 2001 में किया गया।
2004 पहली बार पूरे देश में सभी 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक EVM का उपयोग हुआ।
भारत ने नेपाल, भूटान, केन्या, फिजी, नामीबिया जैसे देशों को भी EVM मशीनों का निर्यात किया है ।

प्रासंगिकता:

विश्वास का स्तंभ: डिजिटल युग में, जहां साइबर सुरक्षा और डेटा हेरफेर की चिंताएँ बढ़ी हैं, VVPAT एक मूर्त, सत्यापन योग्य रिकॉर्ड प्रदान करके चुनावी प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
पारदर्शिता की गारंटी: यह चुनाव प्रक्रिया को और अधिक खुला बनाता है। मतदाता सक्रिय भागीदार बनता है और अपने वोट की सटीकता प्रत्यक्ष रूप से सत्यापित कर सकता है।
जवाबदेही सुनिश्चित करना: भौतिक रिकॉर्ड होने से निर्वाचन अधिकारियों और पूरी प्रणाली की जवाबदेही बढ़ती है। यह किसी भी संदेह या धोखाधड़ी के आरोपों की जांच का एक विश्वसनीय तरीका प्रदान करता है।
लोकतांत्रिक मूल्यों का संवर्धन: VVPAT लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों मतदाता की इच्छा की पवित्रता और निष्पक्ष चुनाव की रक्षा करने में मदद करता है। यह यह सुनिश्चित करता है कि हर वोट की गिनती सही ढंग से और पारदर्शिता के साथ हो।

विवादों का निवारण: यह चुनाव संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक स्वतंत्र और निर्विवाद साक्ष्य आधार प्रदान करता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती मिलती है और अंतिम परिणामों को स्वीकार्यता बढ़ती है।


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