यह लेख मूल रूप से तथ्यात्मक है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच आज तक हुए युद्ध संधि समझौते, संकल्प, और ऑपरेशन का उल्लेख किया गया है। राजनीतिक विज्ञान से सबंधित सभी परीक्षाओं Assistant Professor, UGC-NET, TGT, PGT, Civil Services में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
भारत–पाकिस्तान युद्ध– 1947 – 1948
- इस युद्ध को प्रथम कश्मीर युद्ध कहा जाता है। इसकी शुरुआत अक्टूबर 1947 में हुई और इसका परिणाम जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय था।
अंग्रेजों द्वारा रियासतों को तीन विकल्प दिये गये थे।
- भारत में शामिल होना
- पाकिस्तान में शामिल हो जाओ
- स्वतंत्र रहें
- पाकिस्तान ने कश्मीर में 1947 में अपनी कबायली इस्लामी सेनाएं भेजी और कुछ रियासत के हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
- इससे महाराजा हरि सिंह ने भारत से सैन्य सहायता का विकल्प चुना।
कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र का संकल्प 1947 – 1951
- भारत की क्रिया के बाद कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाया गया और 22 अप्रैल, 1948 को प्रस्ताव 47 पारित किया गया। नियंत्रण रेखा का जन्म उसी दिन हुआ था।
- परिणामत: भारत के पास जम्मू और कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण किया, और पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान और आजाद कश्मीर पर कब्जा कर लिया। भारत इसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहता है।
लियाकत–नेहरू समझौता (Liaquat-Nehru Pact), 1950
- यह भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा और मानवाधिकारों की गारंटी हेतु हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक संधि थी।
- यह उस समय हुआ जब विभाजन के बाद दोनों देशों में दंगे, हत्याएँ और पलायन तेजी से हो रहे थे।
- भारत की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान की ओर से लियाकत अली खान ने हस्ताक्षर क्या था।
नेहरू–नून समझौता (Nehru-Noon Agreement), 1958
- यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद, विशेषकर बंगाल की खाड़ी में स्थित बरूबारी (Berubari) क्षेत्र और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों के संबंध में हुआ था।
- यह विभाजन के बाद अनिर्णीत सीमाओं को स्थिर करने की दिशा में एक कूटनीतिक प्रयास था।
- यह समझौता 10 सितंबर 1958 को नई दिल्ली में हुआ।
- भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री फिरोज़ खान नून ने हस्ताक्षर किया।
- बरूबारी यूनियन नंबर 12 (जिला जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल) और कुछ छोटे एन्क्लेव्स (छोटे टापू जैसे इलाके) जो भारत और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की सीमा पर स्थित थे, विवाद का केंद्र रहा।
सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty), 1960
- यह भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे की ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे आज भी दुनिया की सबसे सफल जल संधियों में से एक माना जाता है।
- 19 सितंबर 1960 में कराची में पंडित जवाहरलाल नेहरू और अय्यूब खान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता द्वारा हस्ताक्षर किया।
- पूर्वी नदियाँ – रावी, ब्यास और सतलुज का पूर्ण नियंत्रण भारत के पास है।
- पश्चिमी नदियाँ – सिंधु, झेलम और चिनाब का अधिकांश नियंत्रण पाकिस्तान के पास है
भारत–पाकिस्तान युद्ध – 1965 (Second India-Pakistan War)
- कश्मीर विवाद पर अगस्त से सितंबर 1965 तक यह विवाद चला।
यह युद्धविराम (Ceasefire) और ताशकंद समझौता (Tashkent Agreement) के द्वारा हुआ। - 1947-48 के पहले युद्ध के बाद, कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया – एक भारत के नियंत्रण में (जम्मू-कश्मीर), दूसरा पाकिस्तान के (आज का POK)।
- पाकिस्तान की ऑपरेशन जिब्राल्टर योजना के तहत 1965 में उसने कश्मीर में घुसपैठ की। और भारत ने जवाब में जम्मू, पंजाब और राजस्थान में सैन्य कार्रवाई की।
ताशकंद समझौता (Tashkent Agreement), 1966
- भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने के उद्देश्य से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- ताशकंद उस समय सोवियत संघ का भाग, वर्तमान उज्बेकिस्तान में है। यह समझौता 10 जनवरी, 1966 में लाल बहादुर शास्त्री और अयूब खान के बीच सोवियत संघ के प्रधानमंत्री एलेक्सी कोसिगिन के मध्यस्थता द्वारा पूर्ण हुआ।
- इसी रात ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन हो गया था।
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम: 1971 का युद्ध
- बांग्लादेश पहले पूर्वी पाकिस्तान था। यह संकट शेख मुजीबुर रहमान और याह्या खान तथा जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच राजनीतिक लड़ाई के कारण उत्पन्न हुआ।
- इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच युद्ध की घोषणा हो गई और बांग्लादेश पाकिस्तान से आजादी चाहता था। ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया गया।
- इसके बाद भारत ने बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में हस्तक्षेप किया और पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया। तब, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया।
- भारतीय सेना ने पाकिस्तान की करीब 15000 वर्ग किलोमीटर तक की जमीन पर कब्जा कर लिया था।पाकिस्तान के कश्मीर, पाकिस्तानी पंजाब और सिंध क्षेत्रों में प्राप्त यह भूमि बाद में शिमला समझौते में पाकिस्तान को वापस दे दिया।
- इसके बाद बांग्लादेश राज्य का निर्माण हुआ।
शिमला समझौता (Shimla Agreement) 2 जुलाई 1972
- शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को शिमला, हिमाचल प्रदेश में हस्ताक्षरित एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संधि है।
- जिसे भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो ने 1971 के युद्ध के बाद शांति बहाल करने के उद्देश्य से स्वीकार किया।
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, शांति, और मित्रता को बढ़ावा देना था।
ऑपरेशन ब्रसटैक्स (Operation Brasstacks) 1986-87
- यह एक विशाल सैन्य अभ्यास था, जो भारतीय थल सेना का अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास माना जाता है।
- इसने भारत-पाकिस्तान के बीच गहरा तनाव पैदा कर दिया था और दोनों देशों को युद्ध के मुहाने तक पहुँचा दिया था।
- समय: नवंबर 1986 से मार्च 1987
स्थान: राजस्थान के थार मरुस्थल और पश्चिमी सीमा के निकट
नेतृत्व: भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल के. सुंदरजी - यह अभ्यास पाकिस्तान की सीमा के अत्यंत निकट किया गया था, जिससे पाकिस्तान को संदेह हुआ कि भारत उस पर हमला कर सकता है।
- यह घटना भारत-पाक संबंधों में परमाणु हथियारों के युग की शुरुआत का संकेतक बनी।
परमाणु गैर–आक्रामकता संधि (India–Pakistan Nuclear Non-Aggression Agreement, 1988)
- इसका उद्देश्य दोनों परमाणु शक्तियों के बीच पारदर्शिता बढ़ाना और परमाणु टकराव की संभावना को कम करना था।
- यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षरित हुआ।
- यह समझौता दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों से संबंधित विश्वास-निर्माण उपायों (Confidence Building Measures – CBMs) का एक प्रमुख उदाहरण है और दोनों देशों के बीच न्यूनतम सहयोग की एक स्थायी मिसाल बनी।
पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण (Pokhran-II) 1998
- पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण भारत सरकार द्वारा 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में किया गया था। इसे “ऑपरेशन शक्ति” नाम दिया गया था।
- इस परीक्षण के तहत कुल पाँच परमाणु विस्फोट किए गए – जिनमें एक फ्यूजन (हाइड्रोजन बम) और चार फिज़न (एटम बम) आधारित थे।
- इन परीक्षणों का नेतृत्व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) ने मिलकर किया, और इस अभियान में वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की प्रमुख भूमिका थी।
- इस परीक्षण के बाद भारत ने “नो फर्स्ट यूज़” (पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे) और “न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता” की नीति घोषित की।
Lahore कूटनीति (Lahore Diplomacy), 1999
- में भारत और पाकिस्तान दोनों ने परमाणु परीक्षण किए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
- 19 फरवरी 1999 को वाजपेयी दिल्ली से लाहौर बस से रवाना हुए, यह यात्रा एक प्रतीकात्मक और व्यावहारिक पहल थी, जिससे आम जनता और नेताओं के बीच संवाद को बढ़ावा मिला।
- 21 फरवरी 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- इसमें शांति, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की प्रतिबद्धता जताई गई।
- हालांकि, कुछ ही महीनों बाद कारगिल युद्ध (मई-जुलाई 1999) हुआ, जिससे इस पहल को झटका लगा।
- फिर भी, लाहौर यात्रा और वाजपेयी की कूटनीति को आज भी शांति प्रयासों की मिसाल के रूप में देखा जाता है।
कारगिल युद्ध, 1999
- कारगिल युद्ध, 1999 में भारत और पाकिस्तान के सीमित लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण सशस्त्र संघर्ष था।
- यह युद्ध मई से जुलाई 1999 तक चला और इसका केंद्र बिंदु जम्मू-कश्मीर के कारगिल, द्रास और बटालिक क्षेत्रों की ऊँची पर्वतीय चोटियाँ थीं।
- भारतीय सेना ने जवाब में ऑपरेशन विजय शुरू की। यह युद्ध लगभग दो महीने तक चला और भारत ने अंततः अपने सभी कब्जाए गए क्षेत्र पुनः प्राप्त कर लिए।
- हर वर्ष 26 जुलाई को “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
आगरा शिखर सम्मेलन, 2001
- यह भारत और पाकिस्तान के बीच आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति, सहयोग और विवादों के समाधान की दिशा में प्रगति करना था।
- यह सम्मेलन भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के बीच हुआ।
- परवेज़ मुशर्रफ़ की यह भारत की पहली यात्रा थी राष्ट्रपति के रूप में।
गुरदासपुर हमला 2015
- स्थान: पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक पुलिस थाने पर हमला।
- हमलावर: पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी।
- भारत की प्रतिक्रिया: सेना और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सभी हमलावर मारे गए।
पठानकोट एयरबेस हमला 2016
- स्थान: भारतीय वायुसेना का पठानकोट एयरबेस, पंजाब।
- हमलावर: जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए।
- भारत की प्रतिक्रिया: 80 घंटे लंबे ऑपरेशन में सभी आतंकी मारे गए। पाकिस्तान को डोजियर सौंपा गया।
उरी हमला 2016
- स्थान: उरी सेक्टर (जम्मू-कश्मीर) में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला।
- हमलावर: 4 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी।
- शहीद: 19 भारतीय जवान।
भारत की प्रतिक्रिया: सर्जिकल स्ट्राइक (29 सितम्बर 2016)
- भारतीय सेना ने LOC पार कर POK में आतंकी लॉन्च पैड्स पर हमला किया।
- यह भारत की पहली आधिकारिक सार्वजनिक क्रॉस-Border जवाबी सैन्य कार्रवाई थी।
पुलवामा हमला 2019
- स्थान: पुलवामा (जम्मू-कश्मीर)।
- हमलावर: आत्मघाती हमला; स्थानीय आतंकी आदिल अहमद डार (जैश-ए-मोहम्मद)।
- शहीद: 40+ सीआरपीएफ जवान।
भारत की प्रतिक्रिया: बालाकोट एयर स्ट्राइक (26 फरवरी 2019)
- भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बमबारी की।
- यह भारत की पहली एयर स्ट्राइक थी जो LOC के पार पाकिस्तान की सीमा में की गई।
- पाकिस्तान ने जवाब में 27 फरवरी को एफ-16 विमानों से हमला किया, जिसमें विंग कमांडर अभिनंदन को कुछ समय के लिए पकड़ लिया गया।
नागरोटा हमला 2020
- स्थान: जम्मू के पास नागरोटा में सुरंग के रास्ते घुसे आतंकियों का एनकाउंटर।
- भारत की प्रतिक्रिया: 4 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को मार गिराया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर आतंकियों के बालाकोट जैसे कैंप से लिंक होने की पुष्टि की।
पहलगाम आतंकी हमला 2025
इस हमले में 28 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश हिंदू तीर्थयात्री और पर्यटक थे। लगभग 40 से अधिक घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
- भारत में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया।
- संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस, रूस सहित अनेक देशों ने हमले की निंदा की।
भारत की प्रतिक्रिया:ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)
- ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) मई 2025 में भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई एक सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी।