भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध सदियों से घनिष्ठ रहे हैं। दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और सौहार्द की एक लंबी परंपरा है, जिसे समय-समय पर नई ऊंचाइयां प्राप्त होती रही हैं। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देते हुए ‘विस्तारित रणनीतिक साझेदारी‘ (Enhanced Strategic Partnership) तक पहुंचाया। इस यात्रा में समुद्री सुरक्षा, स्थानीय मुद्रा में व्यापार और सार्वजनिक सेवा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
यह लेख भारत और मॉरीशस के बीच विस्तारित रणनीतिक साझेदारी की पृष्ठभूमि, प्रमुख समझौतों, नई पहल, तथा इस सहयोग के क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में महत्व का विश्लेषण करता है।
संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों की जड़ें ऐतिहासिक और सांस्कृतिक हैं। मॉरीशस की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है, जो 19वीं शताब्दी में गन्ना उत्पादन के लिए गिरमिटिया मजदूरों के रूप में यहां आया था। स्वतंत्रता के बाद से ही दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को लगातार मजबूत किया है। भारत ने मॉरीशस की स्वतंत्रता के संघर्ष में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से दोनों देश रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग करते आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान मॉरीशस के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस यात्रा की मुख्य उपलब्धियां:
- विस्तारित रणनीतिक साझेदारी की घोषणा: इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम दोनों देशों के संबंधों को ‘विस्तारित रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक पहुंचाना रहा। यह साझेदारी पारंपरिक द्विपक्षीय सहयोग से आगे बढ़कर समुद्री सुरक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय अपराध की रोकथाम और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों तक विस्तृत हुई है।
- “महासागर” पहल की शुरुआत: प्रधानमंत्री मोदी ने “महासागर” (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions – MAHASAGAR) नामक एक नई पहल की घोषणा की। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सुरक्षा और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
महत्वपूर्ण समझौते और नई परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच हुई वार्ता के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए आठ महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे:
- वित्तीय अपराध की रोकथाम: दोनों देशों ने मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अपराधों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समझौता किया। इससे वित्तीय लेनदेन की पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
- लघु और मध्यम उद्यम (SMEs): लघु और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए दोनों देशों ने तकनीकी सहायता और व्यापारिक सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
- सार्वजनिक सेवा क्षमता निर्माण: प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए दोनों देश आपसी सहयोग से क्षमता निर्माण के कार्यक्रम चलाएंगे।
- समुद्री सुरक्षा: हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों की निगरानी और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता किया गया।
- स्थानीय मुद्रा में व्यापार: दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन की सुविधा को प्रोत्साहित किया गया।
प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन
इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें से प्रमुख हैं:
- 20 उच्च–प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाएं: ये परियोजनाएं मॉरीशस में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
- एरिया हेल्थ सेंटर: भारत के सहयोग से स्थापित यह स्वास्थ्य केंद्र स्थानीय समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
- अटल बिहारी वाजपेयी सार्वजनिक सेवा और नवाचार संस्थान: इस संस्थान का उद्देश्य प्रशासनिक नवाचार को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवा में सुधार करना है।
भारत–मॉरीशस रक्षा सहयोग
भारत ने मॉरीशस की रक्षा आवश्यकताओं में सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉरीशस को आवश्यक तकनीकी और सैन्य सहायता देने की बात कही। भारतीय नौसेना की एक टुकड़ी ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लिया, जो दोनों देशों के बीच गहरे रक्षा संबंधों का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान
मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन“ से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने, जो भारत-मॉरीशस संबंधों में उनके योगदान को मान्यता देता है।
आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग
भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक सहयोग में निरंतर वृद्धि हो रही है। भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निवेशक है। स्थानीय मुद्रा में व्यापार की पहल से द्विपक्षीय व्यापार को और गति मिलेगी। सांस्कृतिक दृष्टि से, गंगा तालाब और भारतीय त्यौहारों का मॉरीशस में विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान गंगा तालाब में पूजा-अर्चना की और प्रयागराज के महाकुंभ मेले से लाए गए पवित्र जल को अर्पित किया।
भविष्य और क्षेत्रीय प्रभाव
भारत-मॉरीशस की विस्तारित रणनीतिक साझेदारी हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। “महासागर“ पहल से न केवल समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह साझेदारी भारत की “नेबरहुड फर्स्ट” और “सागर” (Security and Growth for All in the Region) नीति के अनुरूप है, जो पड़ोसी देशों के साथ समावेशी विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों में एक नया मील का पत्थर साबित हुई। विस्तारित रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों में मजबूती आएगी। इन समझौतों और पहलों के माध्यम से दोनों देश न केवल अपने आपसी हितों की रक्षा करेंगे, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता और विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
भारत और मॉरीशस के संबंधों का भविष्य उज्ज्वल है और यह साझेदारी वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की रणनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी।