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मैरी पार्कर फोलेट

मैरी पार्कर फोलेट (Mary Parker Follett) एक प्रसिद्ध अमेरिकी सामाजिक कार्यकर्ता, प्रबंधन विचारक और राजनीतिक सिद्धांतकार थीं। उन्होंने प्रबंधन, लोकतंत्र और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके राजनीतिक विचार विशेष रूप से लोकतंत्र, सत्ता के स्वरूप और नागरिक सहभागिता पर केंद्रित थे।

मैरी पार्कर फोलेट के प्रमुख राजनीतिक विचार:

समूह प्रक्रिया और सहभागी लोकतंत्र (Group Process & Participatory Democracy):

  • फोलेट का मानना था कि लोकतंत्र केवल चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजमर्रा के जीवन में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से सशक्त होता है।
  • उन्होंने “ग्रुप प्रोसेस” की अवधारणा दी, जिसमें लोगों को मिलकर निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए। इससे लोकतांत्रिक भावना मजबूत होती है।

समन्वय का सिद्धांत (Principle of Coordination):

  • उन्होंने जोर दिया कि लोगों के बीच समन्वय तभी संभव है जब वे एक-दूसरे को समझें और विचारों का आदान-प्रदान हो।
  • उन्होंने “इंटीग्रेशन” की बात की, जहाँ विरोधी विचारों को टकराव की बजाय समन्वय से हल किया जा सकता है।

सत्ता और अधिकार (Power and Authority):

  • फोलेट ने दो प्रकार की शक्ति का उल्लेख किया:
    • Power-over (दमनकारी शक्ति): जहाँ एक व्यक्ति दूसरे पर नियंत्रण करता है।
    • Power-with (सहभागी शक्ति): जहाँ सभी मिलकर शक्ति का निर्माण करते हैं।
  • उन्होंने “Power-with” को अधिक लोकतांत्रिक और प्रभावी माना।

नए प्रकार के नेतृत्व की आवश्यकता (Need for New Leadership):

  • फोलेट ने कहा कि नेतृत्व एक गतिशील प्रक्रिया होनी चाहिए, जो लोगों के बीच संवाद, समझ और सहभागिता को बढ़ावा दे।
  • उन्होंने “सर्वेंट लीडरशिप” की अवधारणा की ओर इशारा किया, जहाँ नेता निर्देश देने की बजाय समूह के साथ मिलकर काम करता है।

विकेन्द्रीकरण और स्थानीय स्वशासन (Decentralization & Local Self-Government):

  • उनका मानना था कि लोकतंत्र की जड़ें स्थानीय समुदायों में होती हैं। अतः स्थानीय संस्थाओं को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि लोग सीधे निर्णय प्रक्रिया में शामिल हो सकें।

नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व (Ethics and Social Responsibility):

  • उन्होंने राजनीति को केवल सत्ता का खेल नहीं माना, बल्कि इसे समाज की सेवा का माध्यम बताया।
  • उनका मानना था कि नागरिकों और नेताओं दोनों को सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।
    • फोलेट कहती हैं कि जब विभिन्न समूह आपस में संवाद और सहभागिता करते हैं, तो एक “सामूहिक इच्छा” (common will) का निर्माण होता है, जो लोकतंत्र का असली आधार है।
    • यह किसी एक समूह की इच्छा नहीं होती, बल्कि विभिन्न विचारों और अनुभवों के समन्वय से बनी होती है।
      • पुराना राज्य (Old State): व्यक्ति को केवल वोट देने तक सीमित करता है। यह औपचारिक और केंद्रीकृत व्यवस्था है।
        • उन्होंने “group principle” की अवधारणा दी, जिसके अनुसार लोकतंत्र की सफलता इस पर निर्भर करती है कि लोग कैसे समूहों में संगठित होते हैं और संवाद करते हैं।
        • यह समूह पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक, औद्योगिक या राजनीतिक कोई भी हो सकते हैं। यही समूह सामाजिक एकता का आधार बनते हैं।
          • समूहों को केवल व्यक्तियों का जोड़ न मानकर एक जीवंत इकाई माना जाना चाहिए।
          • समूहों के ज़रिए व्यक्ति राजनीतिक प्रक्रिया में भाग ले सकता है और अपने अनुभवों को साझा करके एक “कॉमन विल” (सामूहिक इच्छा) का निर्माण कर सकता है।The New State: Group Organization the Solution of Popular Government” मैरी पार्कर फोलेट की सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली रचनाओं में से एक है, जिसे 1918 में प्रकाशित किया गया था। यह पुस्तक लोकतंत्र, समूह संगठन, और नागरिक सहभागिता पर केंद्रित है। फोलेट ने इसमें यह तर्क दिया कि पारंपरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था केवल प्रतिनिधित्व तक सीमित रह गई है, और अब लोकतंत्र को एक नए रूप में पुनर्परिभाषित करने की आवश्यकता है।“The New State” का सारांश (संक्षेप में): समूह संगठन ही लोकतंत्र का समाधान है

            फोलेट का मुख्य तर्क यह है कि सच्चा लोकतंत्र केवल तब संभव है जब लोग समूहों के माध्यम से अपने विचारों और हितों को साझा करें और समन्वय स्थापित करें। व्यक्तिगत सोच से ऊपर उठकर सामूहिक विचार (group mind) को विकसित करना आवश्यक है।

          Group Principle” – समूह सिद्धांत

          नया राज्य (New State): एक जीवंत और जैविक लोकतंत्र है, जहाँ समूह संगठन नागरिकों को निरंतर राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर देता है।

      कॉमन विल (Common Will) की अवधारणा

    • पुराना राज्य बनाम नया राज्य

    विवादों का समाधान: एकीकरण (Integration) द्वारा

    • फोलेट विवादों को “विनाश” या “समर्पण” के रूप में नहीं देखतीं, बल्कि वह “इंटीग्रेशन” का प्रस्ताव देती हैं — यानी कि दोनों पक्ष मिलकर एक नया, उच्चतर समाधान निकालें।
    • संघर्ष को रचनात्मक अवसर के रूप में देखनामैरी पार्कर फालेट ने संघर्ष को एक सकारात्मक तत्व के रूप में देखा, जो संगठनों में बेहतर संचार और समझ को बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने इसे विविधता का साधन माना, जो नवाचार और सीखने के अवसर प्रदान करता है।एकीकरण और शक्ति-साझाकरण

      फालेट ने “एकीकरण” की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें संघर्ष का समाधान ऐसे तरीके से किया जाता है जो सभी पक्षों के हितों को पूरा करे, न कि किसी एक पक्ष का वर्चस्व या समझौता। इसके साथ ही, उन्होंने शक्ति-साझाकरण पर जोर दिया, जहां प्रबंधन कर्मचारियों के साथ सहयोग करता है, न कि उनके ऊपर हावी होता है।

      मानव संबंधों और सहभागिता पर जोर

      उनके विचारों में मानव संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने संगठनों को जीवित इकाइयों के रूप में देखा, जहां कर्मचारियों की विविधता को समझना और उनकी भागीदारी बढ़ाना आवश्यक है। यह समुदाय की भावना को बढ़ावा देता है, जिससे सहयोग और उत्पादकता में सुधार होता है।

      मैरी पार्कर फालेट (1868-1933) एक अग्रणी प्रबंधन सिद्धांतकार, समाजसेवी, और लेखक थीं, जिनके विचार संगठनों में संघर्ष प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी रहे। उनके कार्यों ने आधुनिक संगठनात्मक व्यवहार और नेतृत्व सिद्धांतों को आकार दिया, विशेष रूप से मानव संबंधों और सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर जोर देकर। नीचे उनके विचारों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जो विभिन्न स्रोतों से एकत्रित जानकारी पर आधारित है।

      संघर्ष को रचनात्मक अवसर के रूप में देखना

      फालेट ने संघर्ष को एक विनाशकारी तत्व के रूप में नहीं, बल्कि एक रचनात्मक अवसर के रूप में देखा। उनके अनुसार, संघर्ष संगठनों में विविधता का एक साधन है, जो नवाचार और एकीकृत समाधानों को बढ़ावा दे सकता है। वे मानती थीं कि संघर्ष को दबाने या समझौता करने के बजाय, इसे एक ऐसे अवसर के रूप में लिया जाना चाहिए जो बेहतर संचार और आपसी समझ को बढ़ावा दे। उदाहरण के लिए, Wikipedia: Mary Parker Follett के अनुसार, उन्होंने संघर्ष को प्रबंधन संबंधों को मजबूत करने का एक साधन माना, न कि अशांति का स्रोत।

      उनकी पुस्तक Creative Experience (1924) में, जैसा कि Taylor & Francis Online: Mary Parker Follett – Creativity and Democracy में उल्लेख किया गया है, उन्होंने अंतर को एकता का स्रोत माना, न कि विभाजन का। उन्होंने कहा, “जब तक हम अंतर को वह चीज़ समझते हैं जो हमें अलग करती है, तब तक हमें उससे नफरत होगी; जब हम इसे वह चीज़ समझेंगे जो हमें जोड़ती है, तो हम इसे प्यार करेंगे” (Follett, 1998, पृष्ठ 40)। यह दृष्टिकोण आधुनिक संघर्ष समाधान और बातचीत के सिद्धांतों का आधार बना, जहां मतभेदों को नवाचार के लिए उपयोग किया जाता है।

      एकीकरण और शक्ति-साझाकरण की अवधारणा

      फालेट की एक प्रमुख योगदान “एकीकरण” (integration) की अवधारणा थी, जो गैर-जबरदस्ती वाले शक्ति-साझाकरण (power-with) पर आधारित है। ResearchGate: Mary Parker Follett’s Constructive Conflict के अनुसार, उन्होंने “रचनात्मक संघर्ष” (constructive conflict) की अवधारणा को प्रस्तुत किया, जिसमें संघर्ष के मूल कारणों को पहचानकर और उन्हें पुनर्मूल्यांकित करके सभी पक्षों के हितों को पूरा करने वाले समाधान निकाले जाते हैं। यह दृष्टिकोण पारंपरिक वर्चस्व या समझौते के तरीकों से अलग था, जो अक्सर एक पक्ष को नुकसान पहुंचाते हैं।

       

      उन्होंने यह भी जोर दिया कि प्रबंधन को कर्मचारियों पर शक्ति का प्रयोग (power-over) नहीं करना चाहिए, बल्कि उनके साथ शक्ति साझा करनी चाहिए (power-with)। Business.com: What Is Mary Parker Follett’s Management Theory? के अनुसार, फालेट ने कहा कि प्रबंधन “लोगों के माध्यम से काम करवाने की कला” है, और नेतृत्व को समूह से प्रभावित होना चाहिए, जैसा कि Wikipedia: Mary Parker Follett में उल्लेख किया गया है। यह दृष्टिकोण आधुनिक नेतृत्व सिद्धांतों, जैसे कि मानव संबंध आंदोलन, का आधार बना।

      मानव संबंधों और संगठनात्मक गतिशीलता पर जोर

      फालेट ने संगठनों को केवल यांत्रिक ढांचे के रूप में नहीं, बल्कि जीवित इकाइयों के रूप में देखा, जो जटिल मानव संबंधों से बने होते हैं। Clear White Space: Mary Parker Follett: Pioneering Management and Leadership Principles के अनुसार, उन्होंने तर्क दिया कि संगठनों को कर्मचारियों की विविधता को समझना और अपनाना चाहिए, न कि उन्हें मशीनरी के पुर्जों की तरह देखना। यह दृष्टिकोण आधुनिक प्रबंधन में कर्मचारी संलग्नता, विविधता और समावेश पर जोर देने में परिलक्षित होता है।

      उनके विचारों में सहभागिता और समुदाय निर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका है। Agile Leadership Journey: Mary Parker Follett: A Voice of Change in a Resistant World के अनुसार, उन्होंने संगठनों को एकीकृत प्रणालियों के रूप में देखा, जहां एक हिस्से में परिवर्तन अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। यह दृष्टिकोण समग्र प्रबंधन दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, जहां कर्मचारियों की भागीदारी से सहयोग और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

      मनोवैज्ञानिक आधार और प्रासंगिकता

      फालेट के विचार मनोवैज्ञानिक आधारों पर आधारित थे, जैसा कि ResearchGate: Mary Parker Follett’s Constructive Conflict में वर्णित है। इनमें शामिल हैं:

      1. अनुभवजन्य ज्ञान (experiential tacit knowledge)
      2. चेहरा-से-चेहरा संचार और सहभागिता
      3. सशक्तीकरण और नियंत्रण
      4. संगठनात्मक गतिशीलता
      5. रणनीतिक परिप्रेक्ष्य में नेतृत्व

      ये आधार आधुनिक वैश्विक उद्यमों के लिए नवाचार और विकास में महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से गतिशील अर्थव्यवस्थाओं में। Toolshero: Mary Parker Follett Contribution to Management के अनुसार, उनके विचारों ने यह समझने में मदद की कि कैसे अधीनस्थ, जैसे नागरिक और श्रमिक, स्वेच्छा से लिए गए निर्णयों को स्वीकार कर सकते हैं।

       मैरी पार्कर फालेट के मुख्य विचार

      ।एकीकरण की अवधारणासभी पक्षों के हितों को पूरा करने वाले समाधान पर केंद्रित।शक्ति-साझाकरणpower-with पर जोर, power-over से बचना।मानव संबंध कर्मचारियों की विविधता को समझना और सकारात्मक संबंध बनाना।सहभागिता और समुदाय निर्माण कर्मचारियों की भागीदारी से सहयोग और उत्पादकता बढ़ाना।मनोवैज्ञानिक आधार अनुभवजन्य ज्ञान, संचार, सशक्तीकरण, और नेतृत्व पर आधारित।

    • ऐतिहासिक संदर्भ और प्रभाव
    • फालेट ने 1918 से 1933 के बीच व्यवसाय और राजनीति में रचनात्मक संघर्ष का अध्ययन किया, जैसा कि ResearchGate: Mary Parker Follett’s Constructive Conflict में उल्लेख किया गया है। उनके विचार वैज्ञानिक प्रबंधन के कार्यान्वयन के दौरान 1920 के दशक में मानव संबंध पहलुओं के लिए मार्ग प्रशस्त करते थे। Political Science Solution: Mary Parker Follett: Constructive Conflict, Depersonalizing Orders and Transformational Leadership के अनुसार, उनके कार्य आधुनिक संगठनात्मक प्रथाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण रहे हैं, विशेष रूप से नेतृत्व और संघर्ष समाधान में।

      निष्कर्ष

      मैरी पार्कर फालेट के विचार संगठनों में संघर्ष प्रबंधन को एक नया आयाम प्रदान करते हैं। उन्होंने संघर्ष को एक सकारात्मक तत्व के रूप में देखा, जिसका उपयोग रचनात्मक समाधान और संगठनात्मक विकास के लिए किया जा सकता है। उनके द्वारा प्रस्तुत एकीकरण, शक्ति-साझाकरण, और मानव संबंधों पर जोर देने वाले सिद्धांत आज भी प्रबंधन और नेतृत्व के क्षेत्र में प्रासंगिक हैं, विशेष रूप से कर्मचारी संलग्नता और नवाचार को बढ़ावा देने में।

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