“राजनीतिक विचारों में नागरिकता की संकल्पना अब प्रचलन के बाहर हो गई है।“– हर्समैन वान गुन्स्टन
“The idea of citizenship has gone out of fashion among political thinkers. They now prefer terms such as participation, identity, or equality.” — Van Gunsteren, 1998, p. 15
हर्समैन वान गुन्स्टर्न (Herman van Gunsteren) ने यह विचार कि “राजनीतिक विचारों में नागरिकता की संकल्पना अब प्रचलन के बाहर हो गई है“ मुख्य रूप से अपनी प्रसिद्ध पुस्तक A Theory of Citizenship: Organizing Plurality in Contemporary Democracies (1998) में प्रस्तुत किया है।
वान गुन्स्टर्न के प्रमुख तर्क
हर्समैन वान गुन्स्टन एक उच्च राजनीतिक सिद्धांतकार हैं। उन्होंने यह दावा किया कि 20वीं सदी के उत्तरार्ध में, शास्त्रीय नागरिक कर्तव्यों और अधिकारों से दूर, राजनीतिक सिद्धांतों का बदलते केंद्र पर टिप्पणी करने का प्रयास किया गया।
वान गुन्स्टर्न के अनुसार, राजनीतिक विचारों में नागरिकता/Citizenship की अवधारणा धीरे–धीरे महत्व खो रही है और इसकी जगह राजनीतिक समानता, भागीदारी और पहचान जैसे तत्व ले रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि नागरिकता को केवल वैधानिक सदस्यता तक सीमित करना समकालीन वैश्विक और सामाजिक-आर्थिक यथार्थ को नहीं दर्शाता।
- उन्होंने देखा कि इस समय के दौरान, नागरिकता की अवधारणा को राजनीतिक सिद्धांतों में पर्याप्त महत्व नहीं मिला है। और हाल के वर्षों में, कानूनी राष्ट्रवाद या किसी विशेष राष्ट्र-राज्य की सदस्यता की पारंपरिक परिभाषा के बजाय, नागरिकता को अधिक समावेशी परिप्रेक्ष्य में अपनाने के बहस का विस्तार हुआ है।
- नागरिकता पर समकालीन दृष्टिकोण अब राष्ट्रीय सीमाओं से परे वैश्विक संस्थाओं और सामाजिक संरचनाओं की भूमिका को पहचानते हुए सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों को समाहित करता हैं।
- हालांकि, जिस समय वान गुन्स्टन ने अपना बयान दिया था, राज्य की कार्यप्रणाली, राजनीतिक प्रक्रियाओं और संरचनाओं पर महत्वपूर्ण जोर देने के कारण नागरिकता के विचारों को अवसर नहीं मिल पाया था। इसलिए, उनका अध्ययन मुख्य रूप से उनके समय की आलोचनात्मक सोच को दर्शाता है और यह राजनीतिक विचार के क्षेत्र में बदलाव के आत्मनिरीक्षण के रूप में कार्य करता है।
नागरिकता के चार प्रकार/ Four Models of Citizenship:
वान गुन्स्टर्न ने नागरिकता की विभिन्न परतों और परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करने के लिए नागरिकता के चार प्रकार बताए/Four Models of Citizenship:
- Legal status (कानूनी स्थिति) – जिसमें व्यक्ति के अधिकार और कर्तव्य एक राज्य द्वारा परिभाषित होते हैं।
- Political activity (राजनीतिक क्रियाशीलता) – जिसमें नागरिक भागीदारी और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी का बोध होता है।
- Belonging or identity (पहचान और संबंध) – नागरिकता को एक सांस्कृतिक पहचान के रूप में देखा जाता है।
- Virtue-based citizenship (गुण आधारित नागरिकता) – जिसमें अच्छा नागरिक वही माना जाता है जो सामाजिक मूल्यों का पालन करे।
वान गुन्स्टर्न का मानना था कि नागरिकता केवल राष्ट्र की सदस्यता नहीं बल्कि एक समाजशास्त्रीय और सांस्कृतिक भागीदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विकरण, प्रवास, और बहुसंस्कृतिवाद ने इस पारंपरिक दृष्टिकोण को चुनौती दी है।