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रैशनल चॉइस थ्योरी (Rational Choice Theory)

Anthony Downs, Kenneth Waltz और Mancur Olson

रैशनल चॉइस थ्योरी (RCT) समाज-विज्ञान की एक प्रमुख सिद्धांतात्मक पद्धति है, जिसका उपयोग राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों (International Relations – IR) में किया जाता है।

इस सिद्धांत के अनुसार, राज्य और अन्य अंतर्राष्ट्रीय कृत्यक्षमता वाले (actors) जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ आदि, सभी निर्णय तर्कसंगत (rational) होते हैं, अर्थात वे अपने हित (interests) को अधिकतम करने के लिए सोच-समझकर निर्णय लेते हैं।

Mancur Olson

Anthony Downs, Kenneth Waltz और Mancur Olson इसके प्रमुख सिद्धांतकार है।

मुख्य सिद्धांत (Core Principles)

  1. तर्कसंगतता (Rationality): सभी कृत्यक्षमता वाले (actors) सोच-समझकर, उपलब्ध जानकारी के आधार पर और विकल्पों का मूल्यांकन करके निर्णय लेते हैं।
  2. स्वार्थ पर आधारित निर्णय (Self-interest based decisions): राष्ट्र और अन्य इकाइयाँ हमेशा वही कार्य करते हैं जो उनके राष्ट्रीय हित, सुरक्षा, शक्ति, या आर्थिक लाभ को बढ़ाता हो।
  3. लागतलाभ विश्लेषण (Cost-benefit analysis): प्रत्येक निर्णय इस आधार पर लिया जाता है कि उससे लाभ अधिक और लागत कम हो।
  4. स्थिर प्राथमिकताएँ (Stable Preferences): निर्णयकर्ताओं की प्राथमिकताएँ स्थिर होती हैं और उसी के अनुसार वे रणनीति बनाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उपयोग

  • राष्ट्र तर्कसंगत कृत्यक्षमता (rational actors) माने जाते हैं जो शक्ति संतुलन, सुरक्षा, प्रभाव, और संयुक्त समझौतों के आधार पर निर्णय लेते हैं।
  • यह सिद्धांत यथार्थवाद (Realism) और उदारवाद (Liberalism) जैसे IR सिद्धांतों की नींव में भी देखा जा सकता है।

उदाहरण

  1. भारत का परमाणु परीक्षण (1998): यह एक तर्कसंगत निर्णय था, जिसमें भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय शक्ति संतुलन के लिहाज़ से परीक्षण को उचित समझा।
  2. अमेरिका का इराक युद्ध (2003): रैशनल चॉइस थ्योरी के अनुसार, अमेरिका ने युद्ध की शुरुआत तेल संसाधनों, सुरक्षा, और सामरिक नियंत्रण को ध्यान में रखकर की।

आलोचना (Criticism)

  1. यह सिद्धांत भावनात्मक, सांस्कृतिक, और सामाजिक कारकों की अनदेखी करता है।
  2. कई बार राष्ट्र तर्कसंगत नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव, आस्थाएं, या गलत जानकारी के आधार पर निर्णय लेते हैं।
  3. यह मानता है कि सभी के पास पूर्ण जानकारी है, जो व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।

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