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समकालीन राजनीतिक सिद्धांत में पावर

सत्ता (Power) समकालीन राजनीतिक सिद्धांत का एक केंद्रीय विषय है, जिसे अधिकार, बाध्यता, विचारधारा और प्रतिरोध जैसे विभिन्न पहलुओं के माध्यम से गहराई से विश्लेषित किया गया है। यहां सत्ता पर आधारित तीन प्रमुख पुस्तकों का विवरण दिया गया है, जो इस विषय पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं:


1. पावर: ए रेडिकल व्यू (Power: A Radical View) – स्टीवन ल्यूक्स (Steven Lukes) (1974, संशोधित संस्करण 2005)

सारांश:

  • स्टीवन ल्यूक्स सत्ता को समझने के लिए तीन आयामों या “चेहरों” का ढांचा प्रस्तुत करते हैं:
    1. निर्णय लेने की सत्ता: जो नीतिगत निर्णयों और राजनीतिक प्रक्रियाओं में दिखाई देती है।
    2. एजेंडा तय करने की सत्ता: यह तय करने की क्षमता कि क्या चर्चा की जाएगी और क्या प्राथमिकता दी जाएगी।
    3. विचारधारात्मक सत्ता: वह क्षमता, जो धारणाओं, प्राथमिकताओं और विश्वासों को आकार देती है, यहां तक कि लोगों को उनके अपने हितों के खिलाफ काम करने के लिए प्रेरित करती है।

मुख्य योगदान:

  • यह पुस्तक दिखाती है कि सत्ता केवल स्पष्ट रूप से नहीं, बल्कि छिपे हुए रूपों में भी काम करती है, जो सामाजिक मानदंडों और व्यक्तिगत चेतना को प्रभावित करती है।
  • सत्ता को केवल निर्णय लेने तक सीमित देखने की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देती है और गहरे, प्रणालीगत नियंत्रण के रूपों पर ध्यान केंद्रित करती है।

प्रसिद्ध उद्धरण:

“क्या यह सत्ता का सर्वोच्च उपयोग नहीं है कि आप दूसरों को वही इच्छाएं रखने के लिए प्रेरित करें जो आप चाहते हैं?”


2. डिसिप्लिन एंड पनिश: द बर्थ ऑफ द प्रिजन (Discipline and Punish: The Birth of the Prison) – मिशेल फूको (Michel Foucault) (1975)

सारांश:

  • फूको ने आधुनिक संस्थानों (जेल, स्कूल, अस्पताल) में अनुशासन और निगरानी के माध्यम से सत्ता के क्रियान्वयन का विश्लेषण किया।
  • उन्होंने बायोपावर की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें सत्ता जनसंख्या को नियंत्रित करती है और जीवन के प्रबंधन के लिए कार्य करती है।

मुख्य योगदान:

  • आधुनिक सत्ता को एक केंद्रीकृत शक्ति के बजाय व्यापक और “सामान्यीकरण” के रूप में दर्शाया।
  • ज्ञान और वर्चस्व के बीच संबंध पर जोर देते हुए यह विचार प्रस्तुत किया कि “ज्ञान ही सत्ता है।”

प्रसिद्ध उद्धरण:

“सत्ता एक संस्था नहीं है, न ही यह कोई संरचना है; यह न ही कोई निश्चित शक्ति है जो हमें दी गई है; यह वह नाम है जिसे एक विशेष समाज में एक जटिल रणनीतिक स्थिति को दिया जाता है।”


3. डॉमिनेशन एंड द आर्ट्स ऑफ रेसिस्टेंस: हिडन ट्रांसक्रिप्ट्स (Domination and the Arts of Resistance: Hidden Transcripts) – जेम्स सी. स्कॉट (James C. Scott) (1990)

सारांश:

  • स्कॉट ने सत्ता और प्रतिरोध के स्वरूपों का विश्लेषण किया, विशेष रूप से ऐसे समाजों में जहां सत्ता असमान रूप से वितरित होती है।
  • उन्होंने पब्लिक ट्रांसक्रिप्ट्स (सत्ताधारी वर्ग के साथ सार्वजनिक संवाद) और हिडन ट्रांसक्रिप्ट्स (दबाए गए वर्गों के छिपे हुए प्रतिरोध) के बीच अंतर किया।

मुख्य योगदान:

  • यह पुस्तक दिखाती है कि हाशिए पर पड़े वर्ग किस प्रकार सांस्कृतिक प्रथाओं, रोजमर्रा के कार्यों और प्रतीकात्मक अभिव्यक्तियों के माध्यम से सत्ता का प्रतिरोध करते हैं।
  • स्कॉट यह भी बताते हैं कि प्रतिरोध हमेशा खुले विद्रोह के रूप में नहीं होता, बल्कि छिपे हुए तरीके से चुनौती दी जाती है।

प्रसिद्ध उद्धरण:

“सत्ता-विहीन को अनुपालन और आदर का प्रदर्शन करना आवश्यक होता है, भले ही वह केवल दिखावा ही क्यों न हो।”


निष्कर्ष

सत्ता पर आधारित ये तीन पुस्तकें विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं:

  1. स्टीवन ल्यूक्स सत्ता के विभिन्न आयामों और वैचारिक नियंत्रण पर जोर देते हैं।
  2. मिशेल फूको आधुनिक संस्थानों में सत्ता के अनुशासनात्मक और सामान्यीकृत स्वरूप को उजागर करते हैं।
  3. जेम्स सी. स्कॉट सत्ताधारी और अधीनस्थ वर्गों के बीच प्रतिरोध और वर्चस्व के संबंधों पर प्रकाश डालते हैं।

ये पुस्तकें समकालीन समाज में सत्ता के संचालन, इसके प्रतिरोध, और इसकी जटिलताओं को समझने के लिए आधारभूत मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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