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ब्रूट लक, ऑप्शन लक और एंडॉवमेंट:रॉनाल्ड ड्वार्किन का दृष्टिकोण

रॉनाल्ड ड्वार्किन (Ronald Dworkin) ने ब्रूट लक (Brute Luck), ऑप्शन लक (Option Luck) और एंडॉवमेंट (Endowment) जैसे विचारों पर अपने कामों के माध्यम से गहरे विचार प्रस्तुत किए हैं, विशेषकर न्याय, समानता और अधिकारों के संदर्भ में। उनके सिद्धांतों ने इन अवधारणाओं को समझने और उनके राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में न्याय के विचारों को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

1. ब्रूट लक (Brute Luck)

ड्वार्किन ने ब्रूट लक को “भाग्य और अवसरों के वह पहलू” के रूप में परिभाषित किया है, जिन पर किसी व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता। ब्रूट लक में शामिल है, जैसे जन्म के समय की स्थिति, प्राकृतिक आपदाएँ, शारीरिक विकलांगता या आर्थिक पृष्ठभूमि। ड्वार्किन का मानना था कि ये स्थितियाँ न्याय के संदर्भ में सुधार की आवश्यकता हैं, क्योंकि इन पर किसी व्यक्ति का नियंत्रण नहीं होता और ये असमानताओं का कारण बनती हैं।

उनके अनुसार, जब लोग ब्रूट लक के कारण किसी असमानता का शिकार होते हैं, तो सामाजिक न्याय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि समाज में इन असमानताओं को कम किया जाए। ड्वार्किन ने इसे “वैकल्पिक समानता” के सिद्धांत से जोड़ा, जिसमें समाज को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ब्रूट लक के कारण उत्पन्न असमानताएँ उन लोगों के लिए नहीं हों जो पहले से ही वंचित हैं।

ड्वार्किन का ब्रूट लक पर विचार:

ड्वार्किन के विचार में, ब्रूट लक एक ऐसी स्थिति है जिसे समाज को सुधारने और सामाजिक हस्तक्षेप के माध्यम से न्यायपूर्ण तरीके से संबोधित करना चाहिए। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आधारभूत जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देना।

उदाहरण:

  • अगर किसी व्यक्ति का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ है या उसे शारीरिक विकलांगता है, तो यह ब्रूट लक माना जाएगा, और समाज को सुनिश्चित करना चाहिए कि उस व्यक्ति को समान अवसर मिलें, चाहे इसके लिए अतिरिक्त संसाधन और नीतियाँ लागू करनी पड़ीं।

2. ऑप्शन लक (Option Luck)

ऑप्शन लक ड्वार्किन के न्याय और अधिकारों के विचारों में एक महत्वपूर्ण पहलू है। ड्वार्किन के अनुसार, ऑप्शन लक वह है जिसमें व्यक्ति का नियंत्रण होता है, और इसके परिणाम उसकी चुनौतियों और निर्णयों पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति व्यवसाय शुरू करता है और सफल होता है, तो उसे ऑप्शन लक माना जाएगा। यह व्यक्ति के स्वयं के निर्णय और कड़ी मेहनत का परिणाम है।

ड्वार्किन ने ऑप्शन लक को न्यायपूर्ण माना क्योंकि यह व्यक्ति के स्वतंत्र निर्णय और स्वतंत्रता के सिद्धांत के अनुरूप है। ऑप्शन लक में शामिल असमानताएँ व्यक्तिगत जिम्मेदारी और स्वतंत्रता को स्वीकार करती हैं, जो कि एक लोकतांत्रिक समाज में आवश्यक मानी जाती हैं। इसलिए, ड्वार्किन का यह मानना था कि ऑप्शन लक के परिणामों के लिए समाज को कोई अतिरिक्त हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह व्यक्तिगत चुनाव का परिणाम है।

ड्वार्किन का ऑप्शन लक पर विचार:

ड्वार्किन के अनुसार, ऑप्शन लक असमानता को न्यायसंगत माना जा सकता है क्योंकि इसमें व्यक्तिगत जिम्मेदारी होती है। हालांकि, यह सिद्धांत केवल तभी सही होता है जब व्यक्ति के पास वास्तविक चुनाव और अवसर होते हैं। यदि एक व्यक्ति को असमान अवसर मिले, तो उसकी ऑप्शन लक को भी समानता के संदर्भ में पुनः मूल्यांकित किया जा सकता है।

उदाहरण:

  • यदि एक व्यक्ति ने व्यवसाय में निवेश किया और लाभ हुआ, तो यह ऑप्शन लक होगा। यहां तक कि अगर व्यक्ति ने कड़ी मेहनत की और विकल्पों का सही तरीके से चयन किया, तब भी समाज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लोगों के पास समान प्रकार के अवसर हों ताकि वे अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर सकें।

3. एंडॉवमेंट (Endowment)

एंडॉवमेंट का मतलब होता है प्राकृतिक उपहार, जैसे शारीरिक या मानसिक क्षमताएँ, या किसी व्यक्ति का जन्म जिस परिवार में हुआ है। ड्वार्किन का मानना था कि एंडॉवमेंट के आधार पर असमानताएँ उत्पन्न होती हैं, और इन असमानताओं को समग्र न्याय में समाहित किया जाना चाहिए। एंडॉवमेंट उन गुणों और संसाधनों को संदर्भित करता है जो किसी व्यक्ति को जन्म के समय मिलते हैं, जैसे स्वास्थ्य, बुद्धिमत्ता, और परिवार की आर्थिक स्थिति

ड्वार्किन के सिद्धांत के अनुसार, एंडॉवमेंट को उन असमानताओं के रूप में देखा जा सकता है, जिन्हें ठीक करने के लिए समाज को कदम उठाने चाहिए। यह इस विचार को प्रस्तुत करता है कि प्राकृतिक उपहारों या प्रारंभिक स्थितियों को लेकर किसी व्यक्ति के पास कोई विकल्प नहीं होता, इसलिए समाज को इन असमानताओं के खिलाफ हस्तक्षेप करना चाहिए

ड्वार्किन का एंडॉवमेंट पर विचार:

ड्वार्किन ने एंडॉवमेंट से संबंधित “संसाधन आधारित समानता” (Equality of Resources) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, जब तक किसी व्यक्ति को अपनी प्राकृतिक उपहारों या एंडॉवमेंट के कारण असमान लाभ या हानि नहीं हो, तब तक समाज को समान अवसरों और संसाधनों के समान वितरण की दिशा में काम करना चाहिए। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि प्राकृतिक असमानताएँ समाज को और अधिक गहरी असमानताओं में न बदल दें।

उदाहरण:

  • यदि किसी व्यक्ति का जन्म एक उच्च-आर्थिक वर्ग में हुआ है, तो उसे उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकती हैं, जबकि किसी गरीब परिवार में जन्मे व्यक्ति को ये अवसर नहीं मिलते। इस असमानता को समान अवसरों के माध्यम से संतुलित करने की आवश्यकता है, ताकि सभी को जीवन में समान अवसर मिल सकें।

ड्वार्किन का समग्र दृष्टिकोण:

ड्वार्किन ने ब्रूट लक, ऑप्शन लक, और एंडॉवमेंट की अवधारणाओं को इस प्रकार देखा:

  1. ब्रूट लक और एंडॉवमेंट की असमानताएँ समाज को सामाजिक न्याय के उपायों के माध्यम से संतुलित करनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि समाज को वंचितों की मदद करनी चाहिए और संसाधनों का पुनर्वितरण करना चाहिए ताकि ब्रूट लक और एंडॉवमेंट के कारण उत्पन्न असमानताएँ कम हो सकें।

  2. ऑप्शन लक को ड्वार्किन ने अधिक व्यक्तिगत जिम्मेदारी और स्वतंत्रता से जोड़ा। इसके अनुसार, ऑप्शन लक के कारण उत्पन्न असमानताओं को न्यायपूर्ण माना जा सकता है, क्योंकि ये व्यक्ति के व्यक्तिगत प्रयासों और निर्णयों का परिणाम होते हैं।

  3. ड्वार्किन के “संसाधन आधारित समानता” के सिद्धांत के तहत, एंडॉवमेंट से उत्पन्न असमानताओं को संतुलित करने के लिए समाज को समान अवसर और संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करना चाहिए।

निष्कर्ष:

रॉनाल्ड ड्वार्किन का न्याय के सिद्धांत में ब्रूट लक, ऑप्शन लक और एंडॉवमेंट के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण था। उन्होंने यह दिखाया कि ब्रूट लक और एंडॉवमेंट के कारण उत्पन्न असमानताएँ सामाजिक हस्तक्षेप और संसाधनों के समान वितरण के माध्यम से सुधार की जा सकती हैं, जबकि ऑप्शन लक को न्यायपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी और स्वतंत्रता पर आधारित है। ड्वार्किन के विचारों ने समाज में न्याय और समानता के संदर्भ में एक नई दिशा प्रदान की, जहां प्राकृतिक असमानताएँ और व्यक्तिगत विकल्पों के बीच संतुलन बनाए रखा जा सकता है।

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