नागरिकता किसी व्यक्ति और राज्य के बीच स्थापित एक कानूनी संबंध है। यह संबंध व्यक्ति को संवैधानिक अधिकार और कर्तव्यों का लाभ देता है। नागरिकता प्राप्त होने पर व्यक्ति को उस देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना में भाग लेने का अधिकार मिल जाता है।
नागरिकता के दो प्रमुख सिद्धांत:
1. जन्मभूमि सिद्धांत (Jus Soli)
2. वंशानुक्रम सिद्धांत (Jus Sanguinis)
Jus Soli (जन्मभूमि सिद्धांत)
यह शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है – भूमि का अधिकार या जन्म स्थान के आधार पर नागरिकता। इस सिद्धांत के अनुसार, कोई भी बच्चा जिस देश की भूमि पर जन्म लेता है, उसे उस देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। इसे मिट्टी का अधिकार या स्थल जन्म सिद्धांतभी कहा जाता है।
उदाहरण:
Jus Sanguinis (वंशानुक्रम सिद्धांत)
यह भी लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है – रक्त का अधिकार। इस सिद्धांत के अनुसार, किसी व्यक्ति को उस देश की नागरिकता प्राप्त होती है, जिस देश के उसके माता या पिता नागरिक होते हैं, चाहे वह बच्चा किसी भी देश में जन्मा हो। इसे रक्त-संबंध आधारित नागरिकता भी कहा जाता है।
उदाहरण:
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