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दलित पैंथर आंदोलन

दलित पैंथर आंदोलन

 

इस आन्दोलन की शुरुआत 1972 में महाराष्ट्र में, दलितों के एक शिक्षित समूह,युवा दलित लेखकों व कवियों ने ‘दलित पैंथर‘ नामक एक संगठन बनाया। यह आन्दोलन अम्बेडकरवाद, मार्क्सवाद व ‘‘नीग्रो साहित्य‘‘ से प्रभावित था इस आंदोलन ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव, शोषण और दलितों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ एक मुखर और उग्र आवाज उठाई। इसका नाम अमेरिकी अश्वेत आंदोलन “Black Panther Movement” से प्रेरित था।

उद्दश्ये

दलितों पर हो रहे शोषण, अत्याचार और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना।
भारतीय संविधान में दिए गए समानता और अधिकारों की रक्षा करना।
शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सम्मान के लिए दलितों को संगठित करना।
दलितों में अपने अधिकारों वह सम्मान के प्रति जागरूकता काविकास करना दलित पैंथर संगठन का मुख्य उद्देश्य दलित समाज के लोगों के अधिकारों की मांग करना ताकि इसके तहत वे न्यायपूर्वक अधिकारों की मांग कर सके ।

संस्थापक

नामदेव ढसाल

नामदेव ढसाल एक क्रांतिकारी कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और दलित पैंथर के सह-संस्थापक थे। उन्होंने मराठी साहित्य में दलित चेतना की आवाज़ को मजबूती से प्रस्तुत किया।
उनकी प्रसिद्ध काव्यकृति ‘गोलपीठा’ (1972) ने दलित साहित्य में नई लहर पैदा की।
उनका लेखन क्रांतिकारी, उग्र और यथार्थवादी था। उन्होंने यौन शोषण, दलित अत्याचार और सामाजिक अन्याय को बेबाकी से उजागर किया।
1999 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

राजा ढाले

यह एक प्रखर दलित लेखक, विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता थे।
वे दलित पैंथर आंदोलन के सिद्धांतकार माने जाते हैं।
उन्होंने जातिवाद, हिंदू धर्म की वर्णव्यवस्था और सामाजिक विषमता पर गहरी आलोचना प्रस्तुत की।
उनका लेख “मैं भारतीय नहीं हूँ” (1972) बहुत प्रसिद्ध हुआ, जिसमें उन्होंने तिरंगे झंडे में जातीय भेदभाव को उजागर किया था।
उनका लेखन और चिंतन अंबेडकरवादी था, लेकिन उसमें क्रांतिकारी तेवर थे।

जे. वी. पवार

लेखक, कार्यकर्ता और दलित पैंथर आंदोलन के सह-संस्थापक थे।
वे आंदोलन के संगठनात्मक प्रमुख थे और इस आन्दोलन की रणनीति बनाने में प्रमुख भूमिका रही।
उन्होंने दलित आंदोलन के इतिहास को दस्तावेज़ के रूप में लिखा,जैसे Dalit Panthers: An Authoritative History।
वे आज भी सामाजिक न्याय और अंबेडकरवादी आंदोलन में सक्रिय हैं।
उन्होंने दलित इतिहास को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।

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