1. प्रस्तावना
• राजनीति और समाजशास्त्र में शक्ति (Power) बहुत अहम विषय है।
• शक्ति सिर्फ़ यह नहीं है कि कोई नेता या सरकार आदेश दे और लोगमान लें।
• शक्ति उससे भी गहरी चीज़ है यह हमारे विचार, सोच, व्यवहार औरइच्छाओं को भी प्रभावित करती है।
• स्टीवन ल्यूकस (Steven Lukes) ने अपनी किताब Power: A Radical View (1974, दुबारा 2005 में प्रकाशित) में शक्ति कीनई समझ दी।
• उन्होंने बताया कि शक्ति को हम तीन स्तरों (Three Dimensions of Power) पर समझ सकते हैं।
2. शक्ति की साधारण परिभाषा और ल्यूकस की आलोचना
• आम तौर पर कहा जाता है: “A, B को ऐसा करने पर मजबूर करताहै जो B नहीं करना चाहता।”
• ल्यूकस कहते हैं यह अधूरी परिभाषा है।
• क्योंकि शक्ति हमेशा सामने से, झगड़े या आदेश के रूप में नहींदिखती।
• कभी–कभी यह छिपी होती है, जैसे कौन से मुद्दे चर्चा में आएँ, या लोगकिसे सही मान लें।
3. शक्ति के तीन आयाम (Three Dimensions of Power)
(क) पहला आयाम: Decision-making Power
• खुला टकराव, जहाँ साफ़ दिखे कि कौन हारा, कौन जीता।
• उदाहरण: संसद में बहुमत से कोई कानून पास हो जाए, तो अल्पमतहार जाता है।
• यह परिभाषा Robert Dahl (1957) ने दी। इसमें केवल सामने काटकराव दिखता है, लेकिन छिपी शक्ति नहीं दिखती।
(ख) दूसरा आयाम: Agenda-setting Power
• यहाँ शक्ति का मतलब है कि कौन से मुद्दे चर्चा में आएँगे और कौन सेनहीं।
• यह विचार Bachrach और Baratz (1962) ने दिया (“two faces of power”)।
• उदाहरण: अगर मीडिया या सरकार जलवायु संकट पर चर्चा ही नकरे, तो लोग उस पर ध्यान नहीं देंगे।
• यानी शक्ति यह तय करती है कि “क्या मुद्दा बनेगा और क्या दबादिया जाएगा।“
(ग) तीसरा आयाम: Shaping Preferences (सबसे गहरीशक्ति)
• यह ल्यूकस का सबसे बड़ा योगदान है।
• असली शक्ति वह है जो लोगों की इच्छाओं, मान्यताओं और सोचको इस तरह गढ़ दे कि लोग वही मानें, जो सत्ता चाहती है।
• लोग यह भी नहीं समझते कि उन पर शक्ति का असर हुआ है।
• उदाहरण उपभोक्ता संस्कृति (Consumer Culture) – लोगों कोयह विश्वास दिलाना कि “खुशी सिर्फ़ चीज़ें खरीदने से मिलेगी।”
• पितृसत्ता (Patriarchy) – महिलाओं को ऐसा महसूस कराना कि“घर संभालना ही उनका प्राकृतिक कर्तव्य है।”
• यही शक्ति सबसे छिपी और सबसे गहरी है।
4. ल्यूकस का मॉडल
| | | | | | Decision-making (निर्णयलेना) | | | | | Agenda-setting (कौन सामुद्दा उठेगा) | | | लोगों की सोच पर असरनहीं दिखाता | | Shaping preferences (सोच–इच्छा बदलना) | | | | | | | | |
|
5. शक्ति और विचारधारा (Power and Ideology)
• ल्यूकस कहते हैं ,विचारधारा (Ideology) शक्ति का सबसे बड़ाऔज़ार है।
• उदाहरण: उपनिवेशवाद (Colonialism) – उपनिवेशित देशों को यहमानने पर मजबूर करना कि वे “असभ्य” हैं और उन्हें यूरोप के शासनकी ज़रूरत है।
• शिक्षा और मीडिया – लोगों को यह सिखाना कि “जो सिस्टम है, वहीसबसे अच्छा है।“
6. भारतीय संविधान और शक्ति
• ल्यूकस की थ्योरी भारत पर भी लागू होती है
• पहला आयाम: संसद में बहुमत से कोई बिल पास होना (जैसे GST Bill)।
• दूसरा आयाम: कुछ मुद्दों पर बहस ही न होना (जैसे जातीय भेदभावपर सीमित चर्चा)।
• तीसरा आयाम: लोगों का यह मान लेना कि जाति–व्यवस्था“प्राकृतिक” है।
भारतीय संविधान इसी तीसरे आयाम को तोड़ने की कोशिश करताहै, ताकि लोग अपने अधिकार समझें।
7 आलोचनाएँ (Critiques of Lukes)
• John Gaventa (1980): कहना है, कि तीनों आयाम जुड़े हुए हैं।तीसरा आयाम बहुत अमूर्त (abstract) है, इसे नापना मुश्किल है।
• Michel Foucault: कहते हैं शक्ति हर जगह फैली है – रिश्तों, ज्ञान, संस्थाओं में।
• ल्यूकस शक्ति के “स्रोत” और “दिशा” पर ध्यान देते हैं, जबकि फूकोइसे “जाल (network)” की तरह देखते हैं।
8. व्यावहारिक महत्व
• राजनीति में चुनाव जीतना ही शक्ति नहीं, बल्कि यह तय करना भीशक्ति है कि लोग किन मुद्दों को महत्वपूर्ण मानें।
• समाज में मीडिया और शिक्षा लोगों की सोच और पसंद को गढ़ते हैं।
• नीति (Policy) में यह देखना ज़रूरी है कि नीतियाँ लोगों की असलीज़रूरतों को पूरा करें या सिर्फ़ “दिखावटी ज़रूरतें“।
Like this:
Like Loading...
Discover more from Politics by RK: Ultimate Polity Guide for UPSC and Civil Services
Subscribe to get the latest posts sent to your email.