संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल और वैश्विक AI गवर्नेंस संवाद की शुरुआत की है, जो AI के लाभों को harness करने और इसके जोखिमों को प्रबंधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक AI गवर्नेंस संवाद
यह संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक समावेशी मंच प्रदान करेगा जहाँ राष्ट्र और हितधारक मानवता के सामने AI से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पैनल ऑन AI
- यह AI अनुसंधान और नीति निर्माण के बीच पुल का कार्य करता है। यह कठोर, स्वतंत्र वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रदान करेगा ताकि चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाया जा सके और वैश्विक AI नियमन का मार्गदर्शन किया जा सके।
- यह 2026 (जिनेवा) और 2027 (न्यूयॉर्क) में वैश्विक AI गवर्नेंस संवाद में अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
भारत में AI गवर्नेंस
भारत के पास वर्तमान में कोई समर्पित AI कानून नहीं है। इसे मौजूदा ढाँचों के माध्यम से विनियमित किया जाता है, जैसे:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (साइबर अपराध, मध्यस्थ दायित्व),
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डेटा गोपनीयता),
- बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) कानून (AI-जनित कार्य)।
नीति आयोग की राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति, 2018 स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट सिटी और मोबिलिटी में AI अनुसंधान और विकास का मार्गदर्शन करती है, जबकि उत्तरदायी AI के सिद्धांत (2021) नैतिक AI तैनाती को संबोधित करते हैं।
भारत वैश्विक AI मंचों में सक्रिय है।
- 2023 में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की।
- 2025 में फ्रांस के साथ AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की।
- 2026 में AI इम्पैक्ट समिट की मेज़बानी करेगा।
हमें AI पर नियमों की आवश्यकता क्यों है?
- नैतिक चिंताएं: AI प्रणालियां ऐसे निर्णय ले सकती हैं और कार्रवाई कर सकती हैं जो व्यक्तियों और समाज को प्रभावित करती हैं।
नियम स्थापित करने से AI के उपयोग से संबंधित नैतिक चिंताओं को दूर करने में मदद मिलती है, तथा यह सुनिश्चित होता है कि यह मानवीय मूल्यों के अनुरूप हो तथा मौलिक अधिकारों का सम्मान करता हो।
- गोपनीयता: AI में अक्सर बड़ी मात्रा में डेटा का प्रसंस्करण शामिल होता है। नियम यह निर्दिष्ट करके व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं कि डेटा कैसे एकत्र, संग्रहीत और उपयोग किया जाना चाहिए।
- सुरक्षा: इसमें संभावित कमजोरियों से बचाव और AI प्रौद्योगिकी के दुर्भावनापूर्ण उपयोग से बचाव शामिल है।
- पारदर्शिता: नियम AI प्रणालियों में पारदर्शिता को अनिवार्य बना सकते हैं, जिससे डेवलपर्स को यह बताना होगा कि उनके एल्गोरिदम कैसे काम करते हैं।
- प्रतिस्पर्धा और नवाचार: एक नियामक ढांचा स्थापित करने से व्यवसायों के लिए समान अवसर उपलब्ध होते हैं, बाजार में प्रभुत्व के दुरुपयोग को रोका जा सकता है और जिम्मेदार नवाचार को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- सार्वजनिक सुरक्षा: ऐसे मामलों में जहां AI का उपयोग स्वास्थ्य सेवा, परिवहन या सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाता है, व्यक्तियों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम आवश्यक हैं।
AI शासन के लिए वैश्विक समन्वय की ज़रूरत
जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI ) तेजी से फैल रही है, उसके फायदे बढ़ाने और उससे जुड़े खतरों को कम करने के लिए पूरी दुनिया को मिलकर काम करने की ज़रूरत है। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने AI पर एक उच्च-स्तरीय सलाहकार पैनल बनाया है।
यह पैनल मौजूदा हालात का अध्ययन करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर AI शासन के लिए ऐसी रणनीतियाँ सुझाता है जो सभी देशों और हितधारकों को साथ लेकर चलें।
39 अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ इस पैनल का हिस्सा हैं। इसका मकसद AI को मानवाधिकारों और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जोड़ना है। इसके लिए यह सरकारों, निजी कंपनियों और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर काम करता है।
पैनल की अंतिम रिपोर्ट में एक खाका (रोडमैप) दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि AI के जोखिमों से कैसे निपटा जाए और इसकी ताकत को पूरी दुनिया में साझा कैसे किया जाए। इसमें मुख्य बातें शामिल हैं:
- संयुक्त राष्ट्र से आग्रह कि वह AI शासन के लिए पहला वैश्विक, समावेशी और साझा ढाँचा तैयार करे।
- मौजूदा AI व्यवस्था की कमियों को दूर करने के लिए सात सिफारिशें दी गईं।
- सभी देशों और हितधारकों से अपील कि वे AI को इस तरह इस्तेमाल करें जिससे मानवाधिकारों की रक्षा और प्रगति हो सके।
विकास के लिए AI
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल तकनीकों पर चल रही वैश्विक चर्चाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसमें दो बड़ी बातें शामिल हैं:
- ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट को लागू करना,
- AI पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च-स्तरीय सलाहकार निकाय की सिफारिशों को आगे बढ़ाना।
यूएनडीपी, AI पर संयुक्त राष्ट्र के अंतर-एजेंसी कार्य समूह के साथ मिलकर काम करता है और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) तथा यूनेस्को जैसे संगठनों के साथ साझेदारी करता है।
विभिन्न देशों में, यूएनडीपी AI का उपयोग करके सतत विकास (Sustainable Development) को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए:
- कैमरून और काबो वर्डे: फसलों की बीमारियाँ पहचानने के लिए AI का प्रयोग।
- ग्वाटेमाला, फिलीपींस, सर्बिया और वियतनाम: कचरे से भरे क्षेत्रों की पहचान के लिए AI का उपयोग।
- इक्वाडोर और भारत: उपग्रह और ड्रोन से मिली तस्वीरों (Earth Observation Data) का AI से विश्लेषण करके भूमि उपयोग और भूमि आवरण मानचित्र तैयार करना।
विनियमन की चुनौतियाँ
- AI का तीव्र विकास: यह क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, जिससे भविष्य-सुरक्षित नियम लिखना कठिन हो गया है।
- नवाचार और सुरक्षा में संतुलन: नवाचार को बढ़ावा देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाना एक चुनौती है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: प्रभावी AI विनियमन के लिए खंडित परिदृश्य से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
- AI की परिभाषा: AI की कोई सार्वभौमिक रूप से सहमत परिभाषा नहीं है, जिससे इसे प्रभावी ढंग से विनियमित करना कठिन हो जाता है।
पश्चिमी गोलार्ध
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI ) हमेशा के लिए अस्तित्व में आ गई है और इसमें हमारे काम करने के तरीके को मौलिक रूप से बदलने की क्षमता है। यह एक बहुत बड़ी शक्ति है और इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
- AI के संभावित खतरों को स्वीकार करके और उन्हें कम करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यह परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी मानवता की सेवा करे और एक सुरक्षित, अधिक न्यायसंगत भविष्य में योगदान दे।
निष्कर्ष
इन तंत्रों की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय AI शासन में एक मील का पत्थर है। ये तंत्र स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, वित्त और शासन जैसे क्षेत्रों में AI के तेज़ी से अपनाए जाने के बीच सहयोग की तत्काल आवश्यकता को पूरा करते हैं। समन्वित प्रयासों का उद्देश्य दुरुपयोग को रोकना, डिजिटल विभाजन को कम करना, ज़िम्मेदार नवाचार को प्रोत्साहित करना और शांति, समानता और स्थिरता को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी हितधारकों से इन ऐतिहासिक प्रयासों का समर्थन करने का आह्वान किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि AI मानवता की भलाई के लिए काम करे।
स्रोत: DTE
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