
अंतर्राष्ट्रीयराजनीतिकोसमझनेकेकईउपागमहै; जिसकोआधारबनाकरअंतर्राष्ट्रीयस्तरपरराज्योंकेव्यव्हारकोसमझाजाताहैजैसे; आदर्शवादीउपागम, यर्थाथवादीउपागम,व्यवस्थावादीउपागम, मार्क्सवादीउपागम, नारीवादीउपागम,संरचनावादीउपागमआदि।इसलेखमेंकेवलआदर्शवादीउपागमकीसमकालीनसमयमेंप्रासंगिताकाविश्लेषणशामिलहै।
आदर्शवादीउपागमकाजन्म
फ्रांसीक्रांति (1789) वअमेरिकीक्रान्ति (1776)आदर्शवादीउपागमकीउत्पत्तिहेतुप्रेरणास्रोतरही।कौण्डररीट, बुडरोविल्सन, बटनफिल्ड, बनार्डरसलनेअहिंसावनैतिकआधारोंपरएकआदर्शविश्वकीरचनाकीकल्पनाकरतेहुएइसकीआधारशिलारखी।
आदर्शवादीउपागमकीमूलमान्यताएँ:
▪ मानवस्वभावजन्मसेहीबहुतअच्छावसहयोगीप्रवत्तिकारहताहै।
▪ मानवद्वारादूसरोंकीमददकरनेएवंकल्याणकीभावनानेहीविकाराकोसम्भवबनायाहै।
▪ मानवस्वभावमेंविकारव्यक्तियोंकेकारणनहींबल्किबुरीसंस्थाओंकेविकासकेकारणआताहै।मानवयुद्धकीओरभीइनसंस्थाओंकेकारणप्रेरितहोताहै।
▪ युद्धअंतर्राष्ट्रीयराजनीतिकीसबसेखराबविशेषताहै।
▪ युद्धोंकोरोकनाअसम्भवनहींहै, अपितुसंस्थागतसुधारोंकेमाध्यमसेऐसाकरनासम्भवहै।
▪ युद्धएकअंतर्राष्ट्रीयसमस्याहै, अतःइसकाहलभीअंतर्राष्ट्रीयस्तरपरहीखोजनाहोगा, स्थानीयस्तरपरनहीं।
अंतर्राष्ट्रीयआदर्शवादसेजुड़ेचिंतक
▪ अंतर्राष्ट्रीयआदर्शवादकेप्रारम्भिकविचारसेंटसाइमन, ग्रेशियश. कॉटजैसेविचारकोंकेलेखोंमेंनिहितथे।
▪ आधुनिककालमेंमहात्मागाँधी, वुडरोविल्सन, हक्सलेवमीडजैसेविद्वानोंनेआदर्शवादीविचारधारामेंप्रमुखरूपसेयोगदानदिया।
▪ इसविचारधाराकोतत्कालीनचिंतकोंनॉर्मलएंजेल, कार्लड्यूश, चार्ल्सब्लिट्ज़, माइकलडोले, फ्रांसिसीफुकुयामा, डेविडहेल्ड, जॉनहोबसन, म्टेनलीहोफमेनवअल्फ्रेडजिमर्ननेसैद्धांतिकरूपमेंआगेबढ़ायाहै।
आदर्शवादकावर्तमानस्वरूपऔरविश्वमेंइसकीस्वीकार्यता
आदर्शवाद (Idealism) जोविचारों, मूल्योंऔरसिद्धांतोंकीप्राथमिकताकोस्वीकारकरताहै।लेकिनआजकेसमयमेंयहसिद्धांतकिसीभीराष्ट्रयासमाजकीनीतिकाएकमात्रआधारनहींहोसकता।इसलिएअधिकांशदेशयथार्थवाद (Realism) औरआदर्शवाद (Idealism) केमिश्रितदृष्टिकोणकापालनकरतेहैं।जैसेसंयुक्तराष्ट्र (UN), विश्वस्वास्थ्यसंगठन (WHO) औरअन्यअंतरराष्ट्रीयसंस्थाएंआदर्शवादीदृष्टिकोणपरआधारितहैं, जहांवैश्विकशांति, मानवाधिकार, औरसततविकासकोबढ़ावादियाजाताहै।यूरोपीयसंघ (EU) कागठनआदर्शवादीमूल्योंजैसेकिसहयोग, समानताऔरलोकतंत्रकेसिद्धांतोंपरआधारितहै।आजभीशिक्षाप्रणालीमेंनैतिकता, चरित्रनिर्माणऔरमूल्य–आधारितशिक्षणपरजोरदियाजाताहै, जोआदर्शवादकाहीप्रतीकहै।गांधीजीकाआदर्शवादअभीभीभारतऔरदुनियामेंप्रेरणाकास्रोतबनाहुआहै।पेरिसजलवायुसमझौता (Paris Climate Agreement) औरसततविकासलक्ष्य (SDGs) आदर्शवादकीअवधारणाओंपरआधारितहैं, जहांवैश्विकभलाईकोप्राथमिकतादीजातीहै।
यहध्यानदेनेयोग्यहैकिसंस्थागतस्तरपरसंस्थाएतोआदर्शवादीविचारधारापरखड़ीहैलेकिनजैसेहीएकदेशकादुसरेदेशकेसाथसम्बन्धबनानेकाविषयआताहैतबलगभगसभीदेशयथार्थवादीआधारपरनिर्णयकरतेहैअंत: वर्तमानसमयमेंकोईभीदेशशुद्धआदर्शवादकापालननहींकरता।अधिकांशदेशप्रायोगिकआदर्शवाद (Pragmatic Idealism) अपनातेहैं, जिसमेंआदर्शोंऔरव्यावहारिकजरूरतोंकेबीचसंतुलनबनायाजाताहै।विश्वराजनीतिमेंअमेरिका, चीन, रूसऔरभारतजैसेबड़ेदेशयथार्थवादीनीतियोंकाअधिकपालनकरतेहैं, लेकिनकुछनीतियोंमेंआदर्शवादीतत्वभीमौजूदहोतेहैं।
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य
वर्तमानमें, विश्वदोबड़ेयुद्धों–यूक्रेनयुद्धऔरमध्यपूर्वसंघर्ष – सेजूझरहाहै, जोवैश्विकस्थिरताकेलिएएकबड़ाखतराबनेहुएहैं।दूसरी ओर, उत्तरकोरियाकीबढ़तीआक्रामकता, ताइवानपरचीनकादबाव, औरअमेरिका–चीनकेबीचतनावनेवैश्विकस्तरपरअस्थिरताकोऔरबढ़ादियाहै।रूसकायूक्रेनपरहमलाद्वितीयविश्वयुद्धकेबादयूरोपमेंसबसेबड़ासैन्यसंघर्षहै।अब अमेरिका मेंडोनाल्डट्रंपकीवापसीसेयूरोपमेंअसुरक्षाबढ़गईहै।वही हमासऔरइज़राइलकेबीचयुद्धपूरेमध्यपूर्वकोअस्थिरकररहाहै।उत्तरकोरियानेअपनेसंविधानसे“शांतिपूर्णपुनर्मिलन“काउल्लेखहटादियाहै, जिससेदक्षिणकोरियाकेसाथसंभावितयुद्धकासंकेतमिलताहै। ध्यावतय,चीन, रूस, ईरानऔरउत्तरकोरियाकेबीचसैन्यसहयोगबढ़ाहै, जिससेपश्चिमीदेशोंकेलिएचुनौतीऔरबढ़गईहै।
निष्कर्ष
दुनियाएकनएशीतयुद्धकीओरबढ़रहीहै, जिसमेंमहाशक्तियोंकेबीचसीधासैन्यटकरावहोनेकाखतराबनाहुआहै।वैश्विकस्थिरताकेलिएयहसबसेखतरनाकदौरोंमेंसेएकहै।वर्तमान वैश्विक परिदृश्यआदर्शवादी विचारधारा पर महत्वपूर्ण प्रश्न खडा करती है, कि अनेको आदर्शवादी संस्थाए होने के बावजूद विश्व में भर में युद्ध और संघर्ष का माहौल बना हुआ है।परन्तु आधुनिकयुगमेंआदर्शवादपूरीतरहसेसमाप्तनहींहुआहै, बल्कियहयथार्थवादऔरव्यावहारिकताकेसाथसंतुलितरूपमेंमौजूदहै।विश्वनेयहस्वीकारकियाहै,किआजकेसमयमेंआदर्शवादकाभीयर्थाथरूपहै।एकयुगमेंजहाआदर्शवादऔरयर्थाथवाद “ग्रेटडीबेट” कामुख्यकेंद्ररहे,वहीआजयेदोनोंउपागमएकदुसरेकेपूरकप्रतीतहोरहेहै।