Lame Duck Session उस अवधि को कहा जाता है जब चुनाव हो चुके होते हैं, नयी निर्वाचित विधायिका या सरकार अभी कार्यभार ग्रहण नहीं करती, और पुरानी सरकार या प्रतिनिधि अपनी शेष अवधि पूरी कर रहे होते हैं। इस दौरान वर्तमान सरकार का राजनीतिक प्रभाव और वैधता कुछ हद तक कमजोर मानी जाती है, क्योंकि जनता ने पहले ही नया जनादेश दे दिया होता है।
यह अवधारणा सर्वाधिक रूप से अमेरिकी राजनीति में प्रयुक्त होती है, जहाँ चुनाव और नए प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के बीच लंबा अंतराल होता है। इस अवधि में outgoing सरकार द्वारा विवादास्पद निर्णय, बड़े नीतिगत बदलाव, या राजनीतिक नियुक्तियाँ किए जाने की आशंकाएँ अधिक रहती हैं। इसलिए इसे “lame” (कमज़ोर) कहा जाता है।
भारतीय संदर्भ में औपचारिक रूप से “Lame Duck Session” नहीं कहा जाता, लेकिन व्यावहारिक रूप से लोकसभा या विधानसभाओं के चुनाव के पश्चात बनती Caretaker Government इसी स्थिति का रूप है। इस सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह केवल routine administration चलाए और कोई major policy decision न ले।
यह परंपरा लोकतांत्रिक नैतिकता सुनिश्चित करती है और नयी सरकार के जनादेश का सम्मान करती है।
Discover more from Politics by RK: Ultimate Polity Guide for UPSC and Civil Services
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

